उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सभी कमेटियां भंग, नए सिरे से गठन की तैयारी…
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने सभी कमेटियों और इकाइयों को भंग कर दिया गया है और अब इनका नए सिरे से गठन किया जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है. यूपी कांग्रेस की सभी कमेटियों को भंग करने का यह कदम पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है, खासतौर पर 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए. कांग्रेस इस कदम के जरिए पार्टी को राज्य में फिर से मजबूत करने का प्रयास कर रही है.
मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र में लिखी ये बात..
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ से जारी किए गए पत्र में लिखा गया है कि ”उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सभी कमेटियां, उप-कमेटियां और जिला स्तर की इकाइयों को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है. इसके साथ ही अब इन पदों पर बैठे सभी पदाधिकारी, कार्यकारी समिति के सदस्य और विशेष प्रभार वाले नेता अपने पदों से हटा दिए गए हैं. पत्र में यह भी कहा गया कि इन कमेटियों का गठन काफी समय पहले किया गया था और अब इनका नए सिरे से गठन किया जाएगा”
नई कमेटियों के गठन तक कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त
कांग्रेस महासचिव ने यह भी बताया कि, नई कमेटियों के गठन तक पार्टी के 46 प्रकोष्ठों और अन्य विभागों के अध्यक्ष कार्यवाहक के रूप में कार्य करेंगे. यह कदम कांग्रेस पार्टी के आगामी चुनावों के लिए संगठन को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. खासतौर पर यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी अपनी स्थिति को बेहतर करने के लिए बड़े बदलाव की योजना बना रही है.
नए चेहरों की शामिल होने की संभावनाएं
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी में कांग्रेस का प्रदर्शन कुछ बेहतर रहा था, लेकिन अब पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में और भी मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है. इसके तहत पार्टी नए चेहरों को आगे लाने का विचार कर सकती है, जो जमीनी स्तर पर काम करते हैं और जिनके पास कार्यकर्ताओं के साथ अच्छा संपर्क है. माना जा रहा है कि पार्टी इन कार्यकर्ताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है, ताकि 2027 के चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिल सके.
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बीजेपी और सपा में भी किए संगठनात्मक बदलाव
गौरतलब है कि कांग्रेस से पहले बीजेपी ने प्रदेश में उपचुनाव के बाद में अपने संगठन में बदलाव करना शुरू कर दिया है. इसके लिए पार्टी ने बूथ स्तर पर नए पदाधिकारियों का चयन किया था और अब जिला स्तर पर भी बदलाव किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं बीजेपी प्रदेश स्तर पर भी बदलाव करने की योजना बना रही है. वहीं समाजवादी पार्टी ने भी संगठनात्मक बदलावों की योजना तैयार की है, जिसको लेकर हाल ही में हुए उपचुवानों में सपा की हार के बाद पार्टी ने अपने संगठन को पुनर्गठित करने पर विचार कर रही है.