लखनऊ में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी, विशेष बेड किए गए आरक्षित
दुनियाभर में पांव पसार चुकी मंकीपॉक्स नामक संक्रामक बीमारी भारत में भी दस्तक दे चुकी है, ऐसे में भारत में भी बचाव और सुरक्षा उपाय की शुरूआत कर दी गयी है. इसको लेकर अस्पतालों को सतर्क रहने का आदेश दिया गया है. वहीं लखनऊ के कई अस्पतलों में विशेष इंतजाम किए गए हैं और संक्रमित मरीजों के अलग से इलाज के लिए बेड भी आरक्षित किए गए हैं. अब तक, लखनऊ के प्रमुख अस्पतालों में 30 बेड आरक्षित किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी की है ताकि, इस बीमारी से बचाव हो सके और कोरोना काल जैसे हालात पैदा न हों.
डॉक्टर – कर्मचारियों को दिया जा विशेष प्रशिक्षण
मंकीपॉक्स नामक खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए लखनऊ में प्रशासन की तरफ से विशेष एहतियात बरते जा रहे हैं, इसलिए इसके उपचार और बचाव के लिए अस्पताल कर्मचारियों और डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, Mpox लक्षण की पुष्टि होने पर स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत रिपोर्ट देने को कहा है. इसके अलावा, अस्पतालों को Mpox के बारे में अधिक जानकारी देने को कहा गया है. स्वास्थ विभाग का कहना है कि इस बीमारी की क्षति को कम किया जा सकता है अगर लोग जागरूक होंगे.
लखनऊ में जारी हुई एडवाईजरी
उत्तर प्रदेश प्रशासन मंकीपॉक्स (Mpox) जैसी संक्रमक बीमारी से बचाव और निपटने के लिए तैयार है. इसको लेकर राज्य सरकार ने भी एक दिशानिर्देश जारी किया है. राज्य सचिव रंजन कुमार ने जारी इस एडवाइजरी में कहा है कि, अफ्रीका के देशों में स्थानीय संक्रमण के साथ-साथ वहां की यात्रा पर गए लोगों में मंकीपॉक्स भी पाया गया है. इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश के सभी प्रवेश प्वाइंट पर जन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जाएंगी. इसमें प्रवेश प्वाइंट्स वाले हर जिले में एक चिकित्सा इकाई भेजी जाएगी और यहां एक ट्रांजिट आइसोलेशन सुविधा बनाई जाएगी.
क्या है मंकीपॉक्स ?
एमपॉक्स (Mpox) पहले मंकीपॉक्स नाम से जाना जाता था. यह बीमारी ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस (Orthopoxvirus genus) से होती है. यह बीमारी पहली बार साल 1958 में डेनमार्क में बंदरों की वजह से फैली थी, इसलिए इसका मूल नाम बंदरों से जुड़ा है. यह जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाली दुर्लभ जूनोटिक बीमारी पॉक्सविरिडे (Poxviridae) फैमिली से आती है. इसका वायरस चेचक, काउपॉक्स, वैक्सीनिया और अन्य बीमारियों का कारण बनता है.
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इसके लक्षण
Mpox में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और एक अलग तरह के दाने होते हैं, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होते हैं और फिर पूरे शरीर में फैलते हैं. यह वायरस संक्रमित जानवरों, शारीरिक तरल पदार्थों या दूषित पदार्थों के सीधे संपर्क से मनुष्यों में फैलता है. वहीं सांस की बूंदों या छूने से भी व्यक्ति से व्यक्ति में फैल सकता है.
बताया गया कि एमपॉक्स के लक्षण दो से चार सप्ताह तक रहते हैं. Mpox आम तौर पर हल्का और दुर्लभ होता है. इससे मवाद से भरे घाव और फ्लू जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. ज्यादातर लोगों को हल्के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ लोगों की बीमारी इतनी गंभीर हो सकती है कि उन्हें चिकित्सा की जरूरत होती है. दूसरी ओर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में आमतौर पर वायरस का संक्रमण अधिक होता है.