Waqf Bill: सदन में वक़्फ़ संसोधन विधेयक बिल पेश होने के बाद सदन में पक्ष और विपक्ष के सांसद चर्चा कर रहे हैं. इस दौरान चर्चा में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद आखिलेश यादव ने हिस्सा लिया, उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कहती है कि वह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है जो अब तक अपने राष्ट्राध्यक्ष का चुनाव नहीं कर पाई है जबकि यह एक नया बिल ले आई है. इस दौरान आखिलेश मुस्कुरा रहे थे और बीजेपी पर निशाना साध रहे थे.
आखिलेश के बयान पर शाह ने किया हस्तरक्षेप …
बता दें कि इस दौरान आखिलेश द्वारा दिए गए बयान पर अमित शाह से हस्तक्षेप किया. कहा कि आखिलेश ने मुस्कुराते हुए सवाल किया है तो जवाब भी मुझे मुस्कुराते हुए देते बनता है. पार्टी अध्यक्ष के चयन पर गृह मंत्री ने कहा कि मैं समझाता हूं तरीका. यहां सामने जितनी पार्टियां बैठी हैं, उनके परिवार के लोग ही अध्यक्ष चुनते हैं. लेकिन हमारे यहां करोड़ों कार्यकर्ताओं के बीच से चुनाव होता है. आपके यहां तो परिवार के लोग ही अध्यक्ष चुनते हैं. गृह मंत्री शाह के जवाब पर अखिलेश भी मुस्कुराने लगे.
25 साल तक अध्यक्ष रहेंगे आखिलेश
अमित शाह ने कहा कि आखिलेश यादव अगले 25 साल तक अपनी पार्टी के अध्यक्ष रहेंगे. वहीं आखिलेश ने कहा कि भाजपा इतनी बड़ी पार्टी है लेकिन अभी तक वह अपना अध्यक्ष नहीं चुन पाए. इस पर शाह ने कहा कि हमे लोगों की रायशुमारी के बाद चुनाव करना होता है और हमारे सामने जो पार्टियां हैं, ये लोग तो परिवार के पांच सदस्यों से ही अध्यक्ष चुन लेते हैं.
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वक़्फ़ बिल पर बोले आखिलेश…
वक़्फ़ बिल पर बोलते हुए आखिलेश ने कहा कि देश की एक बड़ी आबादी के लिए यह बिल लाया गया है. उन्होंने रविशंकर प्रसाद की बहुत सी बातों से सहमति जताई और कहा कि जो एक्स कांग्रेस वाले हैं, वो ज्यादा बोल रहे हैं. जो बिल पेश हुआ है, उसको जितना समझ पा रहा हूं, मंत्री जी ने कहा कि उम्मीद है ये. हिंदी या अंग्रेजी में भी नहीं समझ पा रहा हूं कि उम्मीद है ये- यूनिफाइड वक्फ. ये बिल लाया जा रहा है, बीजेपी में ये मुकाबला चल रहा है कि खराब हिंदू कौन बड़ा है.
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नाकामी का ये पर्दा है वक्फ बिल
आखिलेश ने हमला बोलते हुए कहा कि यह बिल नाकामी पर पर्दा है. एक ये बहुत तैयारी के साथ फैसला लेकर आए थे कि आधी रात के बाद नोट नहीं चलेंगे. उस नोटबंदी नाकामी के बारे में भी तो चर्चा हो जाए कि अभी भी जाने कितना रुपया निकल के आ रहा है. नाकामी बेरोजगारी, महंगाई, किसान की आय दोगुनी नहीं कर पाए, उसकी भी है.