प्रदर्शकारियों द्वारा की गयी आगजनी से फैला तनाव

0

पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी इलाके में शुक्रवार को तनाव बना रहा। यह तनाव गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के प्रमुख बिमल गुरुं ग के घर पर पुलिस की छापेमारी के बाद जीजेएम कार्यकर्ताओं द्वारा गुरुवार देर रात प्रदर्शन के दौरान की गई बड़े स्तर पर आगजनी से पैदा हुआ है। जीजेएम समर्थकों ने शुक्रवार तड़के मिरिक में एक पंचायत कार्यालय, दार्जिलिंग के लोधामा में बिजली आपूर्ति कार्यालय और रिमबिक-लोधामा में एक स्वास्थ्य केंद्र को आग लगा दी।

इससे पहले गुरुवार देर रात प्रदर्शनकारियों ने गयाबारी स्टेशन को आग लगा दी। इसे यूनेस्को ने एक विरासत स्थल घोषित किया हुआ है।प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को एक रेलवे स्टेशन, एक पुलिस चौकी, एक राज्य परिवहन की बस और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसमें एक मीडिया का भी वाहन शामिल था।पर्यटकों ने कहा कि शुक्रवार को सभी होटल बंद रहे।

Also Read: इस सासंद द्वारा की गयी अभद्रता की जांच करेगा नागरिक उड्डयन मंत्रालय

पर्यटकों और होटल कर्मियों की पहाड़ से वापसी के कारण बस स्टेशनों पर लंबी कतारें देखने को मिलीं। स्थानीय प्रशासन ने बस सेवाओं की व्यवस्था की ताकि फंसे पर्यटक सिलीगुड़ी पहुंच सकें।एक रेलवे अधिकारी के अनुसार, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) की ट्वाय ट्रेन की सेवाएं हड़ताल के मद्देनजर यात्रियों, कर्मचारियों और डीएचआर की संपत्तियों के सुरक्षा के लिए निलंबित कर दी गईं हैं।

जीजेएम ने सोमवार से पहाड़ी क्षेत्र दार्जिलिंग एवं कालिम्पोंग जिले में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की हुई है। यह हड़ताल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सरकारी स्कूलों में बांग्ला भाषा को अनिवार्य किए जाने के विरोध में है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि नया नियम पहाड़ी जिलों में नहीं लागू किया जाएगा। इसके बाद भी हड़ताल का आह्वान किया गया है। जीजेएम ने अलग गोरखालैंड राज्य का मुद्दा उठाया है।कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ी क्षेत्र में ताजा अशांति के लिए खुफिया तंत्र की विफलता को जिम्मेदार ठहराया।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More