गौरा को लाने के लिए सज-धज कर तैयार बाबा विश्वनाथ
माता गौरा को काशी लाने के लिए ससुराल पहुंचे बाबा विश्वनाथ(Baba Vishwanath) का खूब आदर-सत्कार किया गया। रात्रि विश्राम के बाद सुबह मंगल बेला में 3.30 बजे बाबा विश्वनाथ माँ पार्वती और भगवान प्रथमेश की चल प्रतिमाओं का हल्दी पूजन हुआ। उसके बाद दूध, दही, शहद, गंगाजल से स्नान कराकर मंगला आरती उतारी गई। भोर 5 बजे से 8 बजे तक वैदिक ब्रह्मणों द्वारा विशेष षोडशोपचार पुजन और रुद्राभिषेक किया गया।
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गौने की रश्म निभा रही महिलाओं के गीत से गुलजार हुआ माहौल
पूजन-अर्चन के बाद काशिपुराधिपति का परिवार संग राजसी श्रृंगार किया गया। उसके बाद दोपहर में बाबा विश्वनाथ की महाआरती उतारी गई। उधर गौरा के गौने की तैयारी की रश्म निभा रही महिलाओं ने मांगलिक गीत से माहौल को गुलजार की है। गौरा के गौने में हाजिरी बजाने के लिए शिवांजली कार्यक्रम को पूर्वांचल के कलाकार जुट गए है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन को आम श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए गए है।