देश छूटने के बाद अब विमान से टूटेगा नाता, नीलाम होगा हसीना का विमान ? जानें वजह ….

गाजियाबाद के सेफ हाउस में रखा गया है शेख हसीना का विमान, इसका भी रोज बढ़ रहा है किराया

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5 अगस्त 2024 यह वही तारीख है जब बांग्लादेश में दो दशकों तक राज करने वाली शेख हसीना के शासन का विध्वंस हो गया, छात्रों के विरोध से शुरू हुआ आंदोलन समय के साथ देशव्यापी हिंसक प्रदर्शन का रूप में बदल गया और नतीजा यह हुआ कि, शेख हसीना को न सिर्फ अपना पद बल्कि अपना वो देश छोड़ना पड़ा जहां पर एक दिन पहले तक उनका ही शासन चलता था. इसके बाद शेख हसीना बांग्लादेश की वायुसेना के सी-130श्र हरक्यूलिस विमान से भारत के लिए रवाना हुई और उनका विमान गाजियाबाद के हेंडन एयरपोर्ट पर उतरा और उन्हें यही के सेफ हाउस में रखा गया है.

लेकिन क्या आपको मालूम है कि, बांग्लादेश का यह कोई पहला विमान नहीं है जिसे भारत ने सेफ हाउस में खड़ा किया है, इससे पहले 9 साल पहले बांग्लादेश का एक यात्री विमान किन्ही मुश्किल हालतों में भारत की शरण में पहुंचा था और उसकी मदद के साथ भारत ने उसे सेफ हाउस में रखा था. लेकिन काफी प्रयासों के बाद उसे सही नहीं कराया जा सका. तब से यह विमान भारत में ही खड़ा है, ऐसे में अब भारत इस विमान को नीलाम करने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में आइए जानते है इस विमान की पूरी कहानी और दूसरे देश के विमान की नीलामी के पीछे की क्या है वजह?

क्या है विमान की 9 साल पुरानी कहानी ?

नीलामी के कागार पर खड़े बांग्लादेश मैकडॉनल डगलस (MD) 83एयरक्राफ्ट की कहानी 9 साल पुरानी है, बात साल 2015 की है जब मैकडॉनल डगलस (MD) 83 एयरक्राफ्ट ढाका से मस्कट के लिए रवाना हुआ था. मस्कट जा रहे इस विमान में कुछ क्रू मेंबर्स समेत 176 लोग सवार थे, लेकिन उडान भरते ही विमान के पायलटों को कुछ अजीब सी आवाज सुनाई थी. जिससे वे समझ गए कि, विमान में कुछ दिक्कत आने वाली है और उसका इंजन फेल हो गया है. इस गड़बड़ी के समय यह विमान भारत की सीमा में प्रवेश कर चुका था और इंडियन एयरस्पेस में उड़ रहा था. विमान का इंजन इस कदर खराब हो चुका था कि, उसका एक हिस्सा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तकरीबन 90 किलोमीटर दूर जा गिरा था.

भारत में करानी पड़ी थी आपातकालीन लैंडिंग

इन हालतों में जब बांग्लादेशी विमान के पायलटों ने आपाकालीन लैंडिंग कराने के लिए अपनी स्क्रीन पर नजर दौड़ाई तो, उनके सबसे करीब नागपुर और रायपुर एयरपोर्ट नजर आ रहा था. ऐसे में पायलटों ने एक भी मिनट गंवाएं नागपुर और रायपुर के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से संपर्क किया और हालात बताते हुए, इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी. इस समस्या को सुनते ही रायपुर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने तुरंत इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति दे दी और फिर 176 यात्रियों से भरा विमान की रायपुर एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैडिंग करवाई गयी. जिससे सभी यात्री सुरक्षित बच गए.

 

इसके अगले दिन यात्रियों को दूसरे विमान से मस्कट भेजा दिया गया. वही बांग्लादेश यूनाइटेड एयरवेज का यह जहाज हैंगर में पार्क कर दिया गया. इस विमान की मरम्मत करने के लिए कुछ दिनों बाद ढाका से एक टीम आई थी, लेकिन काफी मशक्कत के बाद टीम को कुछ सफलता हासिल तो हुई, लेकिन टीम इस विमान को वापस नहीं ले गयी. ऐसे में अब शेख हसीना का विमान भी गाजियाबाद के हेंडन एयरपोर्ट के सेफ हाउस में रखा गया है.

बंग्लादेश के हालात फिलहाल बहुत खराब हैं और उसे सामान्य होने में काफी वक्त लग सकता है. ऐसे में शेख हसीना के विमान का किराया भी लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में यह कयास लगाये जा रहे हैं कहीं इस विमान के साथ भी वैसे ही हालात तो नही पैदा हो जायेगे, जो नौ साल पहले रखे गये विमान का होनेवाला है?

विमान वापसी पर बांग्लादेश ने साधी चुप्पी

भारत ने रायपुर एयरपोर्ट पर खड़े बांग्लादेश के इस विमान के लिए एक हिस्सा रिजर्व करके पार्क कर दिया, लेकिन कई महीनों के इंतजार के बाद जब बांग्लादेश की अथॉरिटीज ने इस विमान की कोई खोज – खबर नही ली तो, इंडिया की एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बांग्लादेश से संपर्क का प्रयास किया और उससे अपना विमान वापस ले जाने को अपील की. लेकिन इस अपील का कोई जवाब नहीं आया और ऐसे करते हुए 9 साल बीत गए लेकिन बांग्लादश की तरफ से किसी भी ई-मेल और कम्युनिकेशन नहीं किया गया और इसका अपील का कोई नतीजा नहीं निकल सका.

विमान की पार्किंग फीस है चार करोड़ रूपए

रायपुर एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि, बांग्लादेश के इस हवाई जहाज की पार्किंग लागत अब चार करोड़ से अधिक हो गई है. एयरपोर्ट का इतना किराया वापस लेना मुश्किल है. दूसरी ओर जहाज पिछले 9 सालों से खड़ा है, इसलिए अब उड़ने के योग्य भी नहीं रह गया है. रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के निदेशक डॉ. एसडी शर्मा ने बताया कि, बांग्लादेश अथॉरिटी को बहुत से ईमेल और पत्र भेजे गए, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. अब हमने अपने लॉ डिपार्टमेंट से इस विमान को नीलामी की अनुमति मांगी है. उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

क्यों लिया गया विमान को नीलाम करने का फैसला ?

वही इस मामले में सामने आई ताजा अपडेट के अनुसार, विमानन कंपनी ने अब एयरपोर्ट अथॉरिटी को बताया है कि वह जल्द ही इस विमान को बेच देगी और एयरपोर्ट का किराया वसूल करेगी, वही आगे की कार्रवाई एयरपोर्ट अथॉरिटी लीगल एडवाइज ले रही है. रायपुर एयरपोर्ट के निदेशक राकेश सहाय ने बताया कि, 2015 में बांग्लादेश का विमान लैंड हुआ था. तब से हम कंपनी से लगातार संपर्क बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कहा कि वे विमान को बेचकर हमारे बकाया पैसे का भुगतान करना चाहते हैं, इसके लिए लीगल चर्चा कर अगला कदम उठाया जाएगा. हम इस पर विचार करने के बाद विमानन कंपनी को जवाब देंगे.

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क्या इससे पहले भी नीलाम हुआ कोई विमान

वहीं बांग्लादेश के विमान की नीलामी की खबर से यह सवाल खड़े हो रहे है कि क्या इससे पहले भी कोई दूसरे देश के विमान की नीलामी की गयी है तो, इसका जवाब है नहीं. फिलहाल तो भारत ने किसी दूसरे देश के विमान को अपने यहां शरण नही दी और न ही नीलामी की गयी है. ऐसे में अगर विमानन कंपनी इस विमान को नीलाम करती है तो, यह पहला विमान होगा जो दूसरे देश का होने बाद इसकी नीलामी भारत द्वारा की जाएगी.

नीलामी कौन लोग ले सकेंगे हिस्सा

फिलहाल, अभी नीलामी की अनुमति मांगी गयी है, ऐसे में इस बात को स्पष्ट नहीं की गयी है कि, इस नीलामी में कौन हिस्सा ले सकते है या नहीं. नीलामी की अनुमति मिलने के साथ ही यह बात साफ हो जाएगी.

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