ज्ञानवापी के बाद अब बदायूं की जामा मस्जिद में महादेव मंदिर होने का दावा, हिंदू महासभा ने दाखिल किये सबूत
बदायूं की जामा मस्जिद का मामला ज्ञानवापी की तरह चर्चित होता जा रहा है, हिन्दू पक्ष का दावा है कि वहां जामा मस्जिद को नीलकंठ महादेव का मंदिर तोड़कर बनवाया गया था। मामले की सुनवाई आज होगी। जहा इससे पहले दोनों पक्ष अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इधर, इंतजामिया कमेटी 1991 एक्ट के हवाले के साथ और भी तर्क प्रस्तुत करने वाली है। इसमें दोनों ही ओर से अपना-अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। दोनों पक्ष आज न्यायालय पहुंचेंगे और फिर न्यायाधीश के सामने अपना-अपना पक्ष रखेंगे। जहां अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से तमाम सुबूत दाखिल किए जा चुके हैं, तो वहीं इंतजामिया कमेटी ने भी अपना जवाब तैयार कर लिया है। तो वहीं इंतजामिया कमेटी मुकदमा निरस्त कराने की कोशिश में है
बता दे की दो सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में नीलकंठ महादेव की ओर से मुकदमा दायर कराया गया था। न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए इंतजामिया कमेटी समेत छह प्रतिवादियों को नोटिस भेजे थे। अगली सुनवाई के लिए पंद्रह सितंबर तारीख लगाई गई थी।
इंतजामिया कमेटी ने इसका नोटिस मिलने के बाद जवाब देने की तैयारियां कीं। बताया जा रहा है कि वादी पक्ष के पास सुबूत के तौर पर तमाम सरकारी किताबों में लिखा इतिहास, गजेटियर, नक्शा और इंतखाब आदि हैं।
वादी पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद को नीलकंठ महादेव का मंदिर तोड़कर बनवाया गया था। इधर, इंतजामिया कमेटी 1991 एक्ट के हवाले के साथ और भी तर्क प्रस्तुत करने वाली है। इसमें दोनों ही ओर से अपना-अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश की जा रही है।