यहां 20 पैसे किलो बिक रहा है आलू, किसान सड़कों पर फेंकने को मजबूर
पंजाब और हरियाणा से नए आलुओं की खेप बाजार में आने के बाद कोल्ड स्टोरेज में रखे लाखों टन पुराने आलू का कोई खरीददार नहीं मिल रहा। आलम यह है कि 50 किलो आलू की कीमत 10 रुपए है। यानी 20 पैसे में एक किलो। यही वजह है कि आगरा में किसानों ने सैकड़ों टन आलू को सड़कों पर फेंक दिया। दरसल इन दिनों मंडी में तीन तरह के पुराने आलू हैं।
किसानों ने आलू के सैकड़ों पैकेट फेंक दिया
किर्री आलू की कीमत एक पैकेट (50 किलो) 10 रुपए है। वहीं दूसरे नंबर का आलू गुल्ला 30-40 रुपए पैकेट बिक रहा है। हालांकि उच्च कोटि का आलू छट्टा 150-300 रुपए पैकेट में बिक रहा है, बावजूद इसके किसानों को ढुलाई की लागत भी नहीं मिल रही है। प्रति पैकेट खर्च की बात करें तो करीब 900 रुपए पड़ता है। यही वजह है कि बुधवार को खंदौली आबिदगढ़, पूरा गोवर्धन जैसे गांवों के किसानों ने आलू के सैकड़ों पैकेट फेंक दिया।
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कोल्ड स्टोरेज में अभी भी 70 लाख पैकेट आलू मौजूद है, जिसकी निकासी की मियाद नवंबर में ही ख़त्म हो चुकी है। कोल्ड स्टोरेज मालिकों ने दिसंबर ताल आलू निकालने का समय दिया है। उसके बाद कोल्ड स्टोरेज साफ़-सफाई और मरम्मत के लिए बंद हो जाएगा। ऐसे में 30-40 लाख पैकेट आलू फेंकने पड़ जाएंगे।
आलू की खरीद हो जाती तो घाटा कुछ कम होता
एक आलू किसान ने बताया कि वे आलू लेकर मंडी गए थे, लेकिन वहां कोई खरीदार ही नहीं मिला। 10 रुपए पैकेट कीमत लेने से अच्छा इन्हें खेतों फेंकना है।गौरतलब है कि सरकार ने आलू का समर्थन मूल्य 487 रुपए घोषित किया था। यह कीमत भी लागत से कम है, लेकिन इसके बावजूद कोई क्रय केंद्र की व्यवस्था न होने की वजह से किसान आलू नहीं बेच पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य पर भी आलू की खरीद हो जाती तो घाटा कुछ कम होता।
(साभार न्यूज 18)