अयोध्या-बद्रीनाथ के बाद क्या वैष्णो देवी भी सीट हारेगी भाजपा?. 80 % हुई वोटिंग ….
मोदी ने 19 सितम्बर को कटरा में किया था लंबा रोड- शो
नई दिल्ली: जम्मू- कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे चुनाव में लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा हैं. जम्मू- कश्मीर में कल यानि 25 सितम्बर को दूसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ. इस दौरान लोगों की लंबी कतारें मतदान करते देखने को मिली. दूसरे चरण के मतदान में 56 फीसद से अधिक लोगों ने मतदान किया.
वैष्णो देवी सीट पर हुई अधिक वोटिंग…
बता दें कि जम्मू की हॉट सीट में शुमार वैष्णों देवी में सबसे अधिक वोटिंग हुई है. यहां 79.95 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. यह नई सीट परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है. बीजेपी ने इस सीट को लेकर पूरी ताकत झोंक रखी थी. खुद पीएम मोदी इस सीट को लेकर प्रचार करने कटरा पहुंचे थे. बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाया ताकि अयोध्या या बद्रीनाथ सीट की तरह किसी तरह की प्रतिकूल स्थिति न बन पाए.
मोदी ने किया था रोड- शो…
गौरतलब हैं कि मोदी ने 19 सितम्बर को कटरा में दो किलोमीटर का एक लंबा रोड- शो किया था. इस दौरान मोदी ने कहा था कि यहां एक ऐसी सरकार की जरूरत हैं जो ‘ आस्था का सम्मान करें और हमारी संस्कृति को बढ़ावा दे’.
पीएम मोदी की वैष्णो देवी मंदिर को लेकर आस्था किसी से छिपी नहीं है. 2014 में जब उन्हें बीजेपी ने पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया तो उन्होंने लोकसभा अभियान की शुरुआत करने से पहले मंदिर में प्रार्थना की थी. इस बार महत्व दोगुना हो गया है. इसका कारण है कि 2022 के परिसीमन के बाद, अब श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा सीट है, जो रियासी और उधमपुर विधानसभा क्षेत्रों से अलग हो गई है.
अयोध्या और बद्रीनाथ सीट हारी BJP
बता दें कि लोकसभा चुनाव में भाजपा राम की नगरी अयोध्या ( फ़ैजाबाद) और उत्तराखंड विधानसभा उपचुनाव में बद्रीनाथ सीट हार गई थी. इन दो सीटों को लेकर विपक्ष ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला था. ऐसे में अब श्री माता वैष्णो देवी सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है.
पार्टी ने बदला था उम्मीदवार…
बता दें कि भाजपा ने यहां अपना उम्मीदवार बदल दिया था. इस सीट पर भाजपा को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिलती दिख रही हैं क्योंकि उसके उम्मीदवार बलदेव राज शर्मा, जो पूर्व में रियासी से विधायक रह चुके हैं, उनके सामने कुल सात उम्मीदवार हैं जिसमें कांग्रेस से भूपेंद्र सिंह भी शामिल हैं.
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बीजेपी ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार बदला है. पहले इस सीट पर रोहित दुबे को उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन बाद में उनकी जगह बलदेव शर्मा को टिकट दे दिया.
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वैष्णो देवी मंदिर के अध्यक्ष रहे भूपेंद्र सिंह
कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह कटरा और वैष्णो देवी मंदिर के अध्यक्ष रह चुके हैं. शर्मा को इस सीट पर लगभग 9,000 मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन की उम्मीद है. पूर्व मंत्री जुगल किशोर, जो कांग्रेस छोड़कर गुलाम नबी आज़ाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी में शामिल हो गए थे. वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस धार्मिक नगरी में जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा में भेजती है.