Aditya L1 Mission : इसरो का चंद्रयान मिशन के बाद सूर्य मिशन भी सफल
इसरो ने आज एक और इतिहास रच दिया है. आज भारत का पहला सूर्य मिशन Aditya L1 अपनी मंजिल पर पहुंच गया है. आदित्य-एल1 को सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा. आदित्य को लैग्रेंज प्वाइंट 1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने का काम आज किया जाएगा. बता दें कि एल1 अंतरिक्ष में उस स्थान को कहा जाता है, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल एक जैसा होता है. यहां आदित्य दो वर्षों तक सूर्य का अध्ययन करेगा और महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाएगा.
#WATCH ISRO के सौर मिशन आदित्य-L1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश करने पर ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत संतुष्टिदायक है क्योंकि यह एक लंबी यात्रा का अंत है। लिफ्ट-ऑफ से लेकर अब तक 126 दिन बाद यह अंतिम बिंदु पर पहुंच गया है। इसलिए अंतिम बिंदु तक पहुंचना हमेशा एक… pic.twitter.com/zx9Chrx6D2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 6, 2024
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सितंबर 2023 में किया गया था लॉन्च
भारत के इस पहले सूर्य अध्ययन अभियान को इसरो ने 2 सितंबर को लॉन्च किया था. मिशन चंद्रयान की सफलता के करीब 10 दिन बाद आदित्य एल1 को लॉन्च किया गया था. यह मिशन इसलिए भी अहम है क्योंकि सूरज के बेहद करीब किसी मिशन को भेजने में कुछ ही देश सफल हुए हैं. सूर्य के लैग्रेंजियन प्वाइंट तक पहुंचना इसलिए भी मुश्किल था क्योंकि यहां पर धरती और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल एक दूसरे को अपनी ओर खींचता है.
इसरो प्रमुख ने कहा था, ”जब यह एल1 प्वाइंट पर पहुंचेगा तो हमें इंजन को एक बार फिर से चालू करना होगा, ताकि यह आगे न बढ़े. यह उस प्वाइंट तक एक बार पहुंच जाएगा तो उसके चारों ओर घूमेगा और L1 पर जा कर स्थिर हो जाएगा.”
मिशन का उद्देश्य
मिशन का उद्देश्य सूर्य के कोरोना का निरीक्षण करना और पहले सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन प्वाइंट (एल 1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा से इसकी अत्यधिक गर्मी को समझना है, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर स्थित है.
इसरो चीफ ने कहा था कि जब आदित्य L-1 अपने गंतव्य पर पहुंच जाएगा तो यह अगले 5 सालों तक सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का पता लगाने में मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई
पीएम मोदी ने अपने ‘एक्स’ के अकाउंट पर पोस्ट किया कि, ‘भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की. भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची. यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे.’
वहीं केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी प्रदान की.
India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it’s destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join the nation in applauding this…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 6, 2024