हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट पर Adani और SEBI पर जवाब, कहा- यह चरित्र हनन का ….
नई दिल्ली: हिंडेनबर्ग की एक रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल अडानी ग्रुप के शेयर को काफी बड़ा झटका लगा था. वही हाल इस बार भी देखने को मिला है. हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद आज एक बाद फिर शेयर मार्किट में गिरावट देखी गई. इसका कारण रहा कि हिंडेनबर्ग ने इस रिपोर्ट में अडानी से जुड़े अपनी पुरानी रिपोर्ट में अब सेबी की चीफ और उनके पति पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हिंडेनबर्ग ने कहा कि सेबी चीफ माधवी बुच और उनके पति पर अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी,जिसके चलते उसकी रिपोर्ट में सबकुछ जानते हुए भी SEBI ने कार्यवाही नहीं की.
क्या थी हिंडेनबर्ग 2023 की रिपोर्ट?…
बता दें कि अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडेनबर्ग भारतीय राजनितिक और वित्तीय क्षेत्र में तब सुर्ख़ियों में आई जब साल 2023 में कंपनी ने अडानी समूह को लेकर एक रिपोर्ट जारी की. तब रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि अडानी समूह ने साल 2020 से अब तक कुल देश की 7 कंपनियों में हेरफेर के जरिए अपनी कंपनी में 100 बिलियन डॉलर जोड़े.
इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि गौतम अडानी के भाई राजेश अडानी को जालसाजी और कर धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था.लेकिन उन्हें समूह के प्रबंध निदेशक के पद पर पदोन्नति कर दिया गया था.
हमारे ऊपर लगाए गए आरोप दुर्भाग्यपूर्ण- अडानी समूह
हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद शनिवार को अडानी समूह में अपने आरोपों को बेबुनियादी बताया है. अडानी ने कहा, “हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर किए गए इस प्रयास में उल्लिखित व्यक्तियों या मामलों के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है. हम पारदर्शिता और सभी कानूनी और नियामक आवश्यकताओं के अनुपालन के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं.” उन्होंने आगे कहा कि विदेशी होल्डिंग संरचना पूरी तरह से पारदर्शी है.
नवीनतम आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़ वाला चयन है, जो तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत मुनाफाखोरी के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए है. हम अडानी समूह के खिलाफ इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं. इसकी गहन जांच की गई है, जो निराधार साबित हुए हैं और जिन्हें जनवरी 2024 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पहले ही खारिज कर दिया गया है.
हिंडेनबर्ग रिपोर्ट ने किया चरित्र हनन का प्रयास
रिपोर्ट में दावा किए जाने के बाद SEBI चीफ और उनके पति धवल बुच ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. दोनों लोगों ने संयुक्त रूप से कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है ने उसी के जवाब में चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प चुना है.”
बुच ने बयान में कहा, “10 अगस्त, 2024 को हिंडनबर्ग रिपोर्ट में हमारे खिलाफ लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं. इनमें कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है.
क्या है शॉर्ट सेलिंग ?…
बता दें कि शॉर्ट सेलिंग शेयर मार्केट का एक शब्द है जिसमें पहले शेयर को बेचा जाता है और फिर उसे बाद में खरीद लिया जाता है, जो ट्रेड के समय ट्रेडर के पास होते ही नहीं हैं. इन शेयरों को बाद में खरीद कर पोजीशन को स्क्वायर ऑफ किया जाता है. शॉर्ट सेलिंग से पहले शेयरों को उधार लेने या उधार लेने की व्यवस्था जरूरी होती है.
आसान भाषा में समझे तो जिस तरह आप पहले शेयर खरीदते हैं और फिर उसे बेचते हैं, उसी तरह शॉर्ट सेलिंग में पहले शेयर बेचे जाते हैं और फिर उन्हें खरीदा जाता है. उसके बीच में जो अंतर आता है वही होता है आपका नफा और नुकसान.
हिंडनबर्ग ने रविवार शाम बुच दंपती पर उठाए नए सवाल…
बता दें कि रिपोर्ट जारी करने के बाद रविवार को एक बार फिर हिंडेनबर्ग ने बुच दंपती पर सवाल उठाए. उन्होंने सोशल मीडिया पर दस्तावेजों के साथ बताया कि SEBI में रहते हुए माधबी विदेशी फंड से जुड़ी थीं.
हिंडनबर्ग के नए सवाल…
माधबी के जवाब से पुष्टि होती है कि उनका बरमूडा/मॉरीशस के फंड में निवेश था, जिसका पैसा विनोद अडाणी ने इस्तेमाल किया. यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त चलाते थे, जो उस समय अडाणी के डायरेक्टर थे.SEBI को अडाणी संबंधित निवेश फंड की जांच का जिम्मा दिया था, जिसमें माधबी के व्यक्तिगत निवेश वाले फंड भी शामिल थे. यह हितों का बड़े टकराव का स्पष्ट मामला है.
बुच ने दावा किया है कि वे दोनों कंल्सटिंग कंपनियों से 2017 में SEBI में नियुक्त होते ही हट गई थीं. लेकिन मार्च 2024 की शेयरहोल्डिंग बताती है कि अगोरा एडवायजरी (इंडिया) में माधबी की 99% हिस्सेदारी है. यह कंपनी अब भी कमाई कर रही है.
अगोरा पार्टनर्स सिंगापुर में माधबी की 16 मार्च 2022 तक 100% हिस्सेदारी थी, यानी SEBI में पूर्णकालिक सदस्य रहते समय तक. उन्होंने SEBI चेयरपर्सन बनने के दो हफ्ते बाद अपने शेयर पति के नाम पर ट्रांसफर किए थे.अगोरा एडवायजरी ने वित्त वर्षों (22,23, 24) में 2.3 करोड़ रुपए राजस्व कमाया, जबकि इस दौरान वे SEBI की चेयरपर्सन हैं. यह भी अहम है कि बुच ने SEBI का पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए अपने निजी ई-मेल आईडी से अपने पति के नाम का इस्तेमाल कर बिजनेस किया.
साल 2023 में 59 फीसद गिरे थे अडानी के शेयर…
बता दें कि साल 2023 में जब हिंडेनबर्ग ने अडानी समूह को लेकर रिपोर्ट जारी की थी तब अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था. 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था. 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे. 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे. हालांकि, बाद में शेयर में रिकवरी देखने को मिली.