आरुषि मर्डर केस: SC पहुंची हेमराज की पत्नी, तलवार दंपति की रिहाई की मांग
आरुषि-हेमराज मर्डर केस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। हेमराज की पत्नी ने तलवार दंपति को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा इस दोहरे हत्याकांड में तलवार दंपति को बरी करने का फैसला सही नहीं है। हाईकोर्ट ने इसे हत्या तो माना, लेकिन किसी को दोषी नहीं ठहराया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह नहीं कहा कि आखिर हत्या किसने की। ऐसे में जांच एजेंसी का यह दायित्व है कि वह हत्यारे का पता लगाए।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि अगर घर के अंदर कोई हत्या होती है तो घर में मौजूद व्यक्ति की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह घटनाक्रम की जानकारी दें। मगर इस मामले में तलवार दंपति यह बताने में असफल रहे हैं कि आखिर आरुषि और हेमराज की हत्या कैसे हुई और किसने की। याचिका में कहा गया कि निचली अदालत का फैसला सही है और उसे बहाल किया जाना चाहिए।
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विशेष सीबीआई कोर्ट ने आरुषि और हेमराज की हत्या के मामले में तलवार दंपति को 26 नवंबर, 2013 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए अक्टूबर, 2017 में बरी कर दिया था। डॉ. राजेश तलवार और नुपुर तलवार ने सीबीआई अदालत की ओर से आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी।
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राजेश तलवार ने डासना जेल में 3 साल 10 माह और 21 दिन बतौर सजायाफ्ता कैदी के तौर पर काटे। वहीं विचाराधीन के तौर पर 1 माह 20 दिन जेल में काटे। जबकि नुपुर तलवार ने डासना जेल में 3 साल 6 माह और 22 दिन सजायाफ्ता कैदी के तौर पर काटे। वहीं विचाराधीन के तौर पर 4 माह 26 दिन जेल में काटे।ट
गौरतलब है कि तलवार दंपति की बेटी आरुषि की हत्या 15 एवं 16 मई 2008 की दरम्यानी रात नोएडा के सेक्टर 25 स्थित घर में ही कर दी गई थी। घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज का शव भी पाया गया था। इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ़ राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच एक जून को सीबीआई को सौंप दी गई थी।