अधिक बच्चे पैदा करने पर मिलेगा पैसा!
देश के पूर्वोत्तर राज्य मिज़ोरम के एक स्थानीय चर्च ने चार या फिर चार से ज़्यादा बच्चे पैदा करने वाले मिज़ो दंपतियों को प्रोत्साहन के तौर पर रुपए देने की घोषणा की है। प्रदेश में लगातार घट रही जन्म दर में सुधार के लिए चर्च इस तरह का कदम उठा रहा है। हालांकि मीडिया में इस बात की चर्चा होने के बाद चर्च ने अपने इस फैसले पर दोबारा समीक्षा करने की बात कही है।
बच्चे पैदा करने पर पैसे देने की बात कही है
मिज़ोरम में खासकर मिज़ो जनजाति में गिरते जन्म दर को लेकर यहां के मिज़ो संगठन और चर्च काफी चिंतित हैं। लिहाज़ा प्रदेश के दो बड़े चर्च- प्रेस्बिटेरियन और द बैपटिस्ट चर्च ऑफ मिज़ोरम लगातार अपने सदस्यों से ज़्यादा बच्चे पैदा करने की अपील करते रहे हैं। हाल ही में लुंगलेई शहर में बैपटिस्ट चर्च की बाज़ार वेंग शाखा ने अपने इलाके के खासकर मिज़ो दंपतियों को चार या उससे अधिक बच्चे पैदा करने के एवज में रुपये देने का फैसला किया है। चर्च ने चौथे बच्चे के लिए 4 हजार, पांचवें के लिए 5 हजार और इसी क्रम में आगे भी बच्चे पैदा करने पर पैसे देने की बात कही है।
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हालांकि चर्च के इस कदम पर अलग-अलग सामाजिक स्तरों से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोगों ने चर्च की पहल की वकालत की है जबकि कुछ लोगों ने चर्च पर एक बहुत ही गैरजिम्मेदार कदम उठाने के आरोप लगाए हैं। बैपटिस्ट चर्च के चेयरमैन दुला ने बीबीसी से कहा, “अभी इस तरह की घोषणा पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इस विषय पर जल्द ही चर्च कमेटी के सदस्य बैठक कर फिर से समीक्षा करेंगे.”दुला ने आगे कहा कि मिज़ोरम में जन्म दर काफी कम है जो यहां के मिज़ो लोगों के लिए चिंता का विषय है।”मिज़ो लोगों के जीवन के सभी पहलुओं में यहां मौजूद चर्च की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। लुंगलेई बाजार के इस इलाके में बैपटिस्ट चर्च का दबदबा है।
क्योंकि गैर मिज़ो लोगों की आबादी बढ़ रही है
राजधानी आइजॉल में पेशे से वकील 29 साल की एमिली छांगते चर्च के इस कदम का समर्थन करती हैं। लेकिन वो ग्रामीण इलाके में बसे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद के लिए सरकार को इस तरह के काम में चर्च का साथ देने की बात भी कहती हैं। वो कहती हैं, “हम क्रिश्चियन हैं और पवित्र बाइबल में लिखा है कि किसी की भी हत्या नहीं करनी चाहिए। लिहाजा जिन मिज़ो दंपतियों को ज्यादा बच्चे पैदा करने हैं उन्हें करना चाहिए। क्योंकि यह बाइबल के अनुसार होगा। मिज़ोरम एक छोटा राज्य है और यहां मिज़ो लोगों की आबादी इतनी ज्यादा नहीं बढ़ रही हैं। इसलिए चर्च ने सही निर्णय लिया है।”आइजॉल में ही खुद की ट्रैवल एजेंसी चलाने वाली मिरियम बोचुंग का कहना है, “मिज़ोरम में मिज़ो सुमदाय की जनसंख्या काफी कम होना इसलिए भी चिंता की बात है क्योंकि गैर मिज़ो लोगों की आबादी बढ़ रही है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
मौजूदा विवाद को देखते हुए मिरियम ने भले ही किसी जनजाति का नाम नहीं लिया लेकिन ग्रामीण इलाकों में चकमास और ब्रूस जैसी अल्पसंख्यक जातियां भी रहती हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, मिजोरम में जनसंख्या घनत्व 52 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जो देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद सबसे कम है। मिज़ोरम के सांख्यिकीय रिकॉर्ड के मुताबिक, मौजूदा दशक में कुल जनसंख्या वृद्धि 23.48 प्रतिशत है, जबकि इससे पहले के दशक में यह 29.18 प्रतिशत थी।
BBC
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