दिल्ली गर्मी से बनी भट्टी, एक दिन में हुआ 142 लोगों का दाह संस्कार…

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दिल्ली: दिल्ली- एनसीआर इस समय भट्टी के तरह तप रही है. इसी बीच दिल्ली के एक बड़ी खबर सामने आ रही है जो सबको हैरान करने वाली है. कहा जा रहा है कि कोरोना महामारी के बाद दिल्ली में एक दिन में सर्वाधिक 142 शवों का दाह संस्कार किया गया है, जो अब सभी के लिए एक चिंता का विषय बन गयी है. दिल्ली के निगम बोध घाट में रात 12 बजे तक यह डेटा दिया गया है जिसमें कहा गया कि एक दिन में 142 शवों का दाह संस्कार हुआ.

दिल्ली में टूट सकता है मौतों का रिकॉर्ड ?…

बता दें कि भीषण गर्मी के चलते इस समय दिल्ली के निगम बोध घाट में 1100 से अधिक शवों का दाह संस्कार किया जा चुका है. इससे पहले साल 2022 के जून महीने में सर्वाधिक 1570 लोगों का दाह संस्कार किया जा चुका है, लेकिन अभी भी इस महीने में 10 दिन बाकी है. जिस संख्या में लोग मर रहे हैं उससे कहा जा रहा है की इस साल यह रिकॉर्ड टूट सकता है.

दिल्ली में पिछले चार साल में जून में हुई मौतें…

साल 2021 1210 मौतें
साल 2022 1570 मौतें
साल 2023 1319 मौतें
साल 2024 1101 मौतें ( जून में अभी 10 दिन शेष )

सऊदी में 68 हाजियों की मौत…

बता दें कि भीषण गर्मी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि सऊदी में भी पड़ रही है. मक्का में पड़ रही भीषण गर्मी से अब तक 64 हज यात्रियों की मौत हो गई है जिसमें 68 लोग भारत के शामिल हैं. वहीं समाचार एजेंसी AFP ने बताया की सबसे ज्यादा मौते मक्का में मिस्र नागरिकों की हुई है.

दिन पर दिन बढ़ रही दिल्ली में मौतों की संख्या…

गौरतलब है की दिल्ली में पिछले एक सप्ताह से लगातार मौतों में इजाफा हो रहा है. दिल्ली में 14 जून – 43
15 जून- 53
16 जून -70
17 जून- 54
18 जून- 97
19 जून- 142 (रात 12 बजे तक)

अंतिम संस्कार में हो रही दिक्कत…

श्मशान में लाए जाने वाले ज्यादातर शव अस्पताल या फिर नेचुरल मौत से संबंधित होते हैं. निगम बोध घाट के इंचार्ज सुमन गुप्ता का कहना है कि गर्मियों में ऐसा कभी नहीं हुआ कि मौतों का आंकड़ा 100 के पार गया हो लेकिन इस बार की मौतें सभी को परेशान कर रही है. सुमन गुप्ता का कहना है की मौतों की बढ़ती संख्या की वजह से दाह संस्कार में परेशानी हो रही है क्योंकि सभी लोग अपनी परंपरा के अनुसार संस्कार करते हैं.

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सुमन गुप्ता ने बताया, ‘यहां शव को जलाने के लिए प्लेटफार्म तो बहुत हैं लेकिन अंतिम संस्कार की मान्यताएं अलग-अलग लोगों की अलग होती हैं. लिहाजा एक दिन में 142 लाशों का अंतिम संस्कार एक बड़ी चुनौती हो जाती है, क्योंकि कई बार मान्यता के तौर पर लोग 2 दिन बाद अस्थियां चुनने आते हैं.

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