एक प्रत्याशी एक सीट से लड़े चुनाव: EC

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चुनाव आयोग ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एक उम्मीदवार को दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। आयोग ने कहा कि एक उम्मीदवार जब दो जगहों से जीतता है और बाद में एक सीट से इस्तीफा देता है तो उस सीट पर दोबारा चुनाव कराने होते हैं। इससे खर्च का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। 2004 और 2016 में इस बारे में प्रस्ताव दिया गया था।

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चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल से कहा कि वह इस मामले में अदालत का सहयोग करें। अदालत ने कहा कि वह तीन हफ्ते बाद इस मामले की सुनवाई करेगी। अदालत ने 13 अक्टूबर को चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। कोर्ट में एक याचिका दायर कर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 33(7) को चुनौती दी गई है और मांग की गई है कि संसद और विधानसभा समेत सभी स्तरों पर एक उम्मीदवार के दो सीटों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगे।

याचिकाकर्ता की दलील

बीजेपी नेता और याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका में कहा है कि एक आदमी एक वोट की तरह एक उम्मीदवार एक सीट का फॉर्म्युला हो। लोकतंत्र का यही तकाजा है कि एक प्रत्याशी एक जगह से चुनाव लड़े। दो जगह से चुनाव जीतने के बाद एक सीट खाली करनी होती है और उपचुनाव होने पर सरकारी खजाने पर बोझ पड़ता है। ऐसे में जनप्रतिनिधित्व कानून के उस प्रावधान को असंवैधानिक घोषित किया जाए जिसके तहत एक प्रत्याशी को दो सीटों से चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाती है।

(साभार-एनबीटी)

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