शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बात करने को SC ने नियुक्त किए वार्ताकार

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नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ यहां शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के कारण दो महीने से बंद रास्ते को खुलवाने के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वजाहत हबीबुल्लाह और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किया।

हर कोई सड़क पर उतरकर धरना देने बैठ जाएगा तो क्या होगा?

शाहीन बाग Shaheen Bagh) में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन मामले की सुनावई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हर कोई सड़क पर उतरकर धरना देने बैठ जाएगा तो क्या होगा? इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हलफनामा दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने लिए किसे नियुक्त किया जा सकता है? एक वार्ताकार के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन के नाम प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए सामने आए हैं।

दिल्ली सरकार तथा पुलिस को नोटिस जारी किया था

10 फरवरी को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने इस मुद्दे पर केंद्र, दिल्ली सरकार तथा पुलिस को नोटिस जारी किया था।

विरोध करने का सबको अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर कहा था कि दिल्ली के शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोग सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध कर दूसरों के लिए असुविधा पैदा नहीं कर सकते। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने शाहीनबाग से इन प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए दायर याचिकाओं पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद केन्द्र, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटस जारी किए। पीठ ने कहा, ‘एक कानून है और इसके खिलाफ लोग हैं। मामला न्यायालय में लंबित है। इसके बावजूद कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। वे विरोध करने के हकदार हैं।’

प्रदर्शन को लेकर बीजेपी ने की जल्द सुनवाई की मांग

बाजेपी नेता नंद किशोर गर्ग ने अदालत से दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले अहम मार्ग पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ करीब दो महीने से चल रहे प्रदर्शन के कारण निवासियों को आ रही समस्या पर गौर करते हुए अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था। साथ ही प्रदर्शन के कारण दिल्ली के विभिन्न मुख्य मार्गों पर भी यातायात की समस्या आ रही है।

दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या

इस याचिका में कहा गया कि शाहीन बाग प्रदर्शन, ‘बेशक संवैधानिक मापदंड के दायरे में हो’ लेकिन इसने अपनी वैधता खो दी है क्योंकि संवैधानिक संरक्षणों का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन हुआ है।’ राज्य का कर्तव्य अपने नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण का भी है जिन्हें सड़क अवरुद्ध होने के कारण समस्या आ रही है। याचिका में कहा गया, ‘इसलिए, इस बात की तत्काल आवश्यकता है कि शहर के बीचों-बीच संवैधानिक संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन करने जैसे छिपे हुए एवं दुर्भावनापूर्ण मकसदों के लिए सार्वजनिक स्थानों के दुरुपयोग की इजाजत न दी जाए।’

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