यूपी विधानमंडल सत्र की हंगामेदार शुरुआत, विपक्षी सदस्यों ने फेंके कागज, जूते पहनकर मेज पर चढ़े
एजेंसी
उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई है। विपक्षी सदस्यों ने कागज फेंके और जूते पहनकर मेज पर चढ़े।विधानसभा के अलावा विधान परिषद में भी हंगामा हुआ।
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत मंगलवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के साथ हुई। पूर्वाह्न 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने कानून व्यवस्था तथा संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदेश में जारी प्रदर्शनों का मुद्दा उठाते हुए सदन में हंगामा किया।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विपक्षी दलों के सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। हंगामा थमते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। उधर, विधान परिषद में भी ऐसा ही नजारा रहा और विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से प्रश्नकाल नहीं हो सका।
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र की आज हंगामेदार शुरुआत हुई। राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों ने उनकी ओर कागज के गोले उछाले और नारेबाजी की। कुछ विधायक जूते पहनकर मेज पर भी चढ़ गए।
अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया
राज्यपाल ने पूर्वाह्न 11 बजे समवेत सदन में जैसे ही अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने ‘राज्यपाल वापस जाओ’ के नारे लगाये और नाईक की तरफ कागज के गोले फेंके।
हालांकि राज्यपाल की ओर फेंके गये कागज के गोले उन तक नहीं पहुंच सके और सुरक्षाकर्मियों ने फाइल कवर के सहारे उन्हें रोक लिया।
विपक्षी सदस्यों के लगातार शोरगुल के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना जारी रखा और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में सिलसिलेवार ब्यौरा पेश किया।
सरकार को घेरने की रणनीति
विपक्षी दलों ने सोमवार को अलग-अलग बैठकें जहां सरकार को घेरने की रणनीति बनाई, वहीं भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में सरकार का पक्ष मजबूती से रखने और विरोधियों को जवाब देने की रणनीति पर चर्चा हुई।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वदलीय बैठक में सदन के संचालन में सभी से सहयोग की अपील की। विपक्षी दलों ने कहा है कि वे जनता के मुद्दों को जोर-शोर से उठाएंगे।
विपक्षी दलों ने आक्रामक तेवर अख्तियार करने के संकेत दिए
लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले विधानमंडल के सत्र में विपक्षी दलों ने आक्रामक तेवर अख्तियार करने के संकेत दिए हैं। ऐसी संभावना पहले ही जताई जा रही थी कि राज्यपाल विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने आएंगे तो उन्हें विपक्षी दलों की नारेबाजी व हंगामे का सामना करना पड़ सकता है।