राजनाथ : केंद्र, पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए वचनबद्ध

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केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों, खासकर अंतर्राष्ट्रीय सीमा के आसपास के इलाकों के जल्द से जल्द विकास के लिए वचनबद्ध है। भारत-म्यांमार अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा हालात का जायजा लेने चार पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंह ने कहा कि क्षेत्र मानव तथा प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ है।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली हमारी सरकार क्षेत्र के त्वरित विकास के लिए वचनबद्ध है। सड़क तथा रेल नेटवर्क को आगे बढ़ाने का काम युद्धस्तर पर जारी है।”

मिजोरम के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “बैठक में भारत-म्यांमार सीमा के आसपास बुनियादी सुविधाओं के विकास की अवस्था तथा सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की गई।”

बैठक में राजनाथ के अलावा, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह, मिजोरम के मुख्यमंत्री लल थनहावला, नागालैंड के मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजित्सू पैटन, मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों, असम राइफल्स के महानिदेशक तथा राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह तथा पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

गृहमंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर तथा मिजोरम को सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 567.39 करोड़ रुपये की रकम मिली। अधिकारी ने कहा कि राजनाथ तथा किरण रिजिजू हेलीकॉप्टर से भारत-म्यांमार सीमांत इलाके का दौरा करेंगे।

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गृहमंत्री ने आईजोल में राजभवन में मिजोरम के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) निर्भय शर्मा से मुलाकात की। मिजोरम की राजधानी आईजोल पहुंचने से पहले सोमवार सुबह सिंह ने ट्वीट किया, “म्यांमार की सीमा से लगे पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सुरक्षा तथा विकास से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करेंगे।”

अधिकारी ने कहा कि मिजोरम से लगी भारत-म्यांमार सीमा पर तारबंदी नहीं है, जिसके कारण तस्कर ड्रग्स, हथियार तथा अन्य प्रतिबंधित सामानों की तस्करी करने में सफल हो जाते हैं।

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