‘महिला नागा’ साधुओं से जुड़े रोचक तथ्य, जानकर रह जाएंगे दंग

0

नागा साधु लोगों के लिए हमेशा रहस्य का विषय बने रहते हैं। वो कहां से आते हैं कहां चले जाते हैं। ये बात लगभग हर कोई जानना चाहता है। पुरुष नागा साधुओं के बारे में लोग तब भी काफी कुछ जानते हैं, लेकिन महिला नागा साधु के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी रहती है। आज हम आपको महिला नागा साधुओं के बारे में बताएंगे कि उन्हें कौन से नियमों का पालन करना होता है।

महिला नागा साधुओं से जुड़ी खास बातें

1-सन्यासिन बनने से पहले महिला को 6 से 12 साल तक कठिन ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। इसके बाद गुरु यदि इस बात से संतुष्ट हो जाते है कि महिला ब्रह्मचर्य का पालन कर सकती है तो उसे दीक्षा देते हैं।

2-महिला नागा सन्यासिन बनाने से पहले अखाड़े के साधु-संत महिला के घर परिवार और पिछले जीवन की जांच-पड़ताल करते हैं।

3-महिला को भी नागा सन्यासिन बनने से पहले खुद का पिंडदान और तर्पण करना पड़ता है।

4-जिस अखाड़े से महिला सन्यास की दीक्षा लेना चाहती है, उसके आचार्य महामंडलेष्वर ही उसे दीक्षा देते हैं।

5-महिला को नागा सन्यासिन बनाने से पहले उसका मुंडन किया जाता है और नदी में स्नान करवाते हैं।

6-महिला नागा सन्यासिन पूरा दिन भगवान का जप करती है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना होता है, इसके बाद नित्य कर्मों के बाद शिवजी का जप करती हैं, दोपहर में भोजन करती है और फिर से शिवजी का जप करती हैं। शाम को दत्तात्रेय भगवान की पूजा करती हैं और इसके बाद शयन।

7-सिंहस्थ और कुम्भ में नागा साधुओं के साथ ही महिला सन्यासिन भी शाही स्नान करती हैं। अखाड़े में सन्यासिन को भी पूरा सम्मान दिया जाता है।

8-जब महिला नागा सन्यासिन बन जाती है तो अखाड़े के सभी साधु-संत इन्हें माता कहकर सम्बोधित करते हैं।

9-महिला नागा सन्यासिन माथे पर तिलक और सिर्फ एक चोला धारण करती हैं। आमतौर पर ये चोला भगवा रंग का या सफेद होता है।

Also read : इस मंदिर में विराजमान गणपति बप्पा को भेजिए चिट्ठी, बनेंगे बिगड़े काम

10-सन्यासिन बनने से पहले महिला को ये साबित करना होता है कि उसका परिवार और समाज से कोई मोह नहीं है। वह सिर्फ भगवान की भक्ति करना चाहती है। इस बात की संतुष्टि होने के बाद ही उसे दीक्षा देते हैं।

11-पुरुष नागा साधू और महिला नागा साधू में फर्क केवल इतना ही है की महिला नागा साधू को एक पिला वस्त्र लपेट कर रखना पड़ता है और यही वस्त्र पहन कर स्नान करना पड़ता है। नग्न स्नान की अनुमति नहीं है, यहां तक कि कुम्भ मेले में भी नहीं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More