वाराणसी: संस्कृत विद्यालय में छात्र का यौन शोषण, प्रधानाचार्य और वार्डन भेजे गए जेल
सरकार के सख्त आदेश के बावजूद स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा भगवान भरोसे रह गई है। आए दिन स्कूलों में छात्रों के उत्पीड़न के मामले सामने आते रहते हैं। वाराणसी के संस्कृत विद्यालय में छात्र के साथ अप्राकृतिक यौन संबध बनाने और मारपीट करने का सनसनीखेज मामलासा सामने आया है। पुलिस ने मामले में आरोपी कार्यवाहक प्रधानाचार्य त्रिवेणी प्रसाद शुक्ला और वार्डन राम प्रसाद द्विवेदी उर्फ रामू गुरुजी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
क्या है मामला
बताते चलें कि संस्कृत विद्यालय में मध्यमा प्रथम व द्वितीय वर्ष ( कक्षा 6 व आठ तक) के छात्र पढ़ते हैं। यहां छात्रों को रुकने के लिए हॉस्टल की सुविधा भी है। दूसरे राज्यों से भी यहां छात्र आकर पढ़ाई कर रहे हैं। हॉस्टल में रुककर पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या करीब 60 बताई जा रही है। आरोप है कि विद्यालय का 11 वर्षीय एक छात्र 30 अगस्त की रात को पेट दर्द की दवा लेने वार्डेन राम प्रसाद द्विवेदी उर्फ रामू गुरुजी के कमरे में गया। यहां वार्डन ने मौका पाकर छात्र को अपनी हवस का शिकार बना डाला। किसी तरह पीड़ित छात्र वार्डन के चंगुल से छूटा तो भागकर छात्रों से दर्द बयां किया।
हैरान करने वाली बात है कि छात्र लामबंद होकर वार्डन से पूछने पहुंचे तो डांटकर भगा दिया। इसके बाद छात्र न्याय के लिए कार्यवाहक प्रधानाचार्य त्रिवेणी प्रसाद शुक्ल के पास गए। कार्यवाहक प्रधानाचार्य को न्याय करने की कहे, वह भी हैवानियत पर उतर आए। उन्होंने छात्रों को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद शिक्षकों और छात्र आमने सामने आ गए। शिक्षकों ने छात्रों की पिटाई की तो छात्रों ने बवाल काटना शुरू कर दिया। मामले को गंभीर देख स्कूल प्रबंधन ने आरोपी वार्डन और कार्यवाहक प्रधानाचार्य पर कार्रवाई करने की कौन कहे, उल्टे छात्रों को ही भगा दिया।
प्रबंधन ने मामले को दबाए एखा
आरोप है कि विद्यालय प्रबंधन ने मामले को दबाए एखा। जब छात्रों के साथ मारपीट का वीडियो वायरल हुआ तो छात्र एकजुट होने लगे। डायल 100 पर इसकी सूचना दी गई। सूचना मिलते ही आनन फानन में पुलिस मौके पर पहुंच गई। मामला गंभीर होता देख विद्यालय प्रबंधन कार्यवाहक प्रधानाचार्य और वार्डेन को निलंबित कर दिया। एक छात्र ने मीडिया के सामने हॉस्टल वार्डेन पर अप्राकृतिक दुष्कर्म का आरोप लगाया।
छात्रों का आरोप है कि पिछले साल भी इसी तरह की वारदात को विद्यालय में अंजाम दिया गया था। लेकिन विद्यालय प्रबंधन ने मामले को दबा दिया था। चिंताजनक बात है कि प्रबंधक कृष्ण कुमार क़ाबड़ा को मामले पर निष्पक्ष तरीके से जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन जब पुलिस ने एक्शन लिया तो कहा कि घटना की जांच की जाएगी और एहतियातन हॉस्टल में सीसी कैमरे भी लगा दिए जाएंगे। पुलिस की सख्त कार्रवाई से पीड़ित और परिजनों में न्याय की आस जगी है।
क्या कहते हैं सीओ
सीओ अनिल कुमार ने बताया कि पीड़ित के पिता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। पीड़ित परिजन बिहार के रहने वाले हैं। दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुकदमा संख्या 723/19 में आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
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