…तो इसलिए हमले के लिए वायुसेना ने बालाकोट को चुना था

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पुलवामा आतंकी हमले के बाद  पीओके से सैकड़ों आतंकियों और उनके ट्रेनर्स को बालाकोट में शिफ्ट कर पाकिस्तान काफी आश्वस्त हो गया था। उसने बालाकोट में जंगल से घिरे पहाड़ी इलाके में रिजॉर्ट स्टाइल के फाइव-स्टार कैंप में आतंकियों को छिपा दिया था।

दरअसल, उसने यह तैयारी 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक को सोचकर की थी, पर इस बार भारतीय एयरफोर्स का ऐक्शन उसकी उम्मीद से परे निकला। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार तड़के भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक में बालाकोट का वह इलाका फाइटर प्लेन्स के लिए आसान टारगेट बन गया और एक ही झटके में करीब 350 आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया गया।

पुलवामा में शहीद हुए थे 40 से अधिक जवान

सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का यह सबसे बड़ा कैंप था, जिसमें हमले के समय कम से कम 325 आतंकी और 25 से 27 ट्रेनर्स मौजूद थे। वैसे, पाकिस्तान में घुसकर ऑपरेशन को अंजाम देना इतना आसान भी नहीं था, पर भारतीय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल से वायुसेना ने यह कर दिखाया। आपको बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी जैश ने ही ली थी, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे।

सूत्रों ने बताया कि कैंप में तड़के 3.30 बजे हर कोई सो रहा था। पाकिस्तान की फौज और उनकी एजेंसियों को इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि देश में इतने अंदर घुसकर भारतीय लड़ाकू विमान कहर बरपाकर चले जाएंगे। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान इस बार भी यही सोच रहा था कि भारत पीओके में नियंत्रण रेखा के करीब सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है।

आतंकियों को हमेशा के लिए सुलाकर लौट आया

हालांकि भारत को सटीक खुफिया जानकारी मिल गई थी कि जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकियों और उनके ट्रेनर्स को बालाकोट कैंप शिफ्ट कर दिया गया है। इस कैंप की क्षमता 500 से 700 लोगों की है। यहां एक स्विमिंग पूल भी है। एक सूत्र ने बताया कि लड़ाकू विमान और दूसरे एयरक्राफ्ट पश्चिमी और केंद्रीय बेस से एक ही समय पर उड़े, जिससे पाकिस्तान के रक्षा अधिकारी इस भ्रम में रहे कि ये किस तरफ जा रहे हैं। एयरक्राफ्ट का एक छोटा समूह बालाकोट की ओर बढ़ा और भारी बमबारी कर सोते हुए आतंकियों को हमेशा के लिए सुलाकर लौट आया।

अमेरिकी फोर्सेज के ऑपरेशन में मारा गया था

एक सूत्र ने कहा, ‘उन्हें (पाकिस्तान) आइडिया ही नहीं था कि बालाकोट टारगेट हो सकता है… जब तस्वीरें आएंगी तो आप देखेंगे कि वहां केवल खंडहर होगा।’ आपको बता दें कि यह आतंकी कैंप बालाकोट टाउन से 20 किमी दूर है। बालाकोट नियंत्रण रेखा से करीब 80 किमी दूर और एबटाबाद के काफी करीब है, जहां अल कायदा का पूर्व सरगना और खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन रहता था और अमेरिकी फोर्सेज के ऑपरेशन में मारा गया था। अमेरिका के ऑपरेशन के समय भी पूरी पाकिस्तानी फौज को समझ नहीं आया था कि आखिर हुआ क्या और कैसे हो गया?

बालाकोट पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कुन्हर नदी के किनारे स्थित है और इसका इस्तेमाल हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन द्वारा भी किया गया था। सूत्रों ने कहा कि कुन्हर नदी के किनारे स्थित बालाकोट शिविर जलीय प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया कराता था। कई मौकों पर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना एवं आतंकवादी मसूद अजहर ने यहां पर भड़काऊ भाषण दिए थे।

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