गुर्जर आंदोलन से बाधित ट्रेन सेवाएं
राजस्थान में गुर्जर आंदोलन के चलते दूसरे दिन भी जारी रहा। इसके चलते प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरियों पर कब्जा कर जमकर प्रदर्शन कर रहे है। इसके चलते ट्रेने प्रभावित हो रही हैं। जन जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है।
गुर्जर नेता किरौड़ी सिंह बैंसला अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार से राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में ट्रेन की पटरियों पर बैठे हैं। एक बार फिर गुर्जर समुदाय आरक्षण की मांग लेकर प्रदर्शन करने के लिए उतरा है।
उन्होंने शनिवार को कहा कि गुर्जर समुदाय की मांग को पूरा करना PM (नरेंद्र मोदी) और CM (अशोक गहलोत) के लिए बड़ा काम नहीं होना चाहिए। बैंसला ने इस बार के आंदोलन को आर-पार की लड़ाई बताया है। वहीं, ट्रैक पर जारी प्रदर्शन के कारण कई रेल यातायात पर काफी असर पड़ा है। बैंसला ने कहा, ‘हमारे पास अच्छे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हैं। हम चाहते हैं कि वे गुर्जर समुदाय की मांगें सुनें। उनके लिए आरक्षण देना कोई बहुत बड़ा काम नहीं है।’ उन्होंने शुक्रवार को कहा था, ‘राज्य सरकार (अशोक गहलोत सरकार) को अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए। हालात बदल गए हैं, इस बार हम चूकेंगे नहीं।’
रेल यातायात प्रभावित, हेल्पलाइन नंबर जारी
प्रदर्शन के कारण पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिविजन की 7 गाड़ियों के रूट बदले गए हैं, एक रद्द कर दी गईं और कुछ को गंतव्य स्टेशन से पहले ही रोक दिया गया है। इस बारे में जानकारी उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा ने दी। कोटा डीआरएम ने ट्वीट कर हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी है। राजस्थान के कोटा मंडल में गुर्जर आंदोलन के कारण आंशिक रद्द गाड़ियों और गाड़ियों के रूट मे बदलाव की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर- 0744-2467153 और 0744-2467149 पर संपर्क किया जा सकता है।
पुलिसबल तैनात
बैंसला का कहना है कि चीजें जल्दी बदल रही हैं। वह खुद नहीं आए हैं बल्कि लोग उन्हें रेलवे ट्रैक तक लेकर आए हैं। विरोध शांतिपूर्वक किया जाएगा। कानून-व्यवस्था बनी रहे इसके लिए भरतपुर पुलिस रेंज में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है जिसके तहत सवाईमाधोपुर आता है। भरतपुर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल भूपेंद्र साहू ने बताया, ‘राजस्थान आर्मी कॉन्स्टेबलरी’ (RAC) की 17 कंपनियों, जिसमें एक स्पेशल टास्क फोर्स भी शामिल है, उन्हें रेंज में तैनात कर दिया गया है।
बात करने को तैयार सरकार
वहीं, गहलोत सरकार का कहना है कि वह बात करने के लिए तैयार है। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री मस्टर भंवर लाल और सीनियर सरकारी अधिकारियों की एक समिति प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए बनाई गई है। बता दें कि बुधवार को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा था, ‘पांच प्रतिशत के गुर्जर आरक्षण में जो कानूनी अड़चनें आई हैं। केंद्र को उनका समाधान निकालने के लिए काम करना चाहिए।’ उन्होंने दावा किया था कि राज्य सरकार और पार्टी गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर प्रतिबद्ध है और न्याय दिलाकर मानेगी।
क्या है मांग?
गौरतलब है कि राज्य में गुर्जरों के आंदोलन का मुद्दा 14 साल से चल रहा है और शुक्रवार से एक बार फिर प्रदर्शन ने तेजी पकड़ी है। गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है।
वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है। बैसंला ने मंगलवार को कहा था कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बारे में वादा किया था और अब वे कांग्रेस सरकार से सरकारी दस्तावेज बन चुके घोषणा पत्र के वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं।
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