मुज़फ्फरनगर दंगा केस : सभी आरोपियों को ‘उम्रकैद’
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में बहुचर्चित कवाल काण्ड में ममेरे भाई सचिन और गौरव की हत्या के मामले में सभी सातों आरोपियों को कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए उम्र कैद की सजा सुना दी है।
सातों आरोपियों को छह फरवरी को मामले में दोषी करार दें दिया गया था। बता दें कि मलिकपुरा के भाइयों का कवाल में हत्या कर दी गयी थी जिसके बाद मुजफ्फरनगर दंगे भड़क गये थे।
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मुजफ्फरनगर में कवाल काण्ड के सातों दोषी आरोपियों को शुक्रवार को अपर जिला सत्र न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने उम्र कैद की सजा सुना दी है। इसी के साथ सातों आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं फैसले को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर था, धारा 144 के साथ कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी। मामले में आशीष त्यागी सरकारी वकील थे तो वहीं राजीव कुमार आरोपी पक्ष के वकील थे।
2013 में मलिकपुरा के दो भाइयों की कवाल में हुई थी हत्या:
मुजफ्फरनगर के कवाल कांड में मलिकपुरा के ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की हत्या के केस में कोर्ट ने बुधवार को सभी सातों आरोपियों दोषी करार दिया है। एडीजे हिमांशु भटनागर की कोर्ट संख्या-7 में आठ फरवरी को सभी दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। बता दें कि करीब साढ़े पांच साल पहले 27 अगस्त 2013 को जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में यह दोहरा हत्याकांड हुआ था। जिसके बाद मुजफ्फरनगर के शामली में दंगा भड़क उठा था।
मामले में सात आरोपियों को मिली सजा:
मामले में सात लोग आरोपी हैं, जिन्हें दोषी करार दिए जाने के बाद कस्टडी में ले लिया गया। कवाल निवासी शाहनवाज और मुजस्सिम पक्ष की बाइक से गौरव की साइकिल भिड़ने पर यह वारदात हुई थी। कहासुनी से शुरू हुई बात हत्याकांड तक पहुंच गई।
घटना के बाद मृतक गौरव के पिता रविंद्र सिंह की ओर से जानसठ कोतवाली में कवाल के मुजस्सिम और मुजम्मिल पुत्र नसीम, फुरकान पुत्र फजला, जहांगीर, नदीम, शाहनवाज (मृतक) पुत्रगण सलीम, अफजाल और इकबाल के बेटे बुंदू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
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