अखिलेश माया गठबंधन, केवल स्वार्थों का गठबंधन है- डिप्टी सीएम
सपा अध्यक्ष अखिलेश (akhilesh) यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रेस कांफ्रेस ने सियासी घमासान मचा दिया है। इसी के साथ ही बयानबाजी का सिलसिला भी शुरु हो गया है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्या ने पलटवार किया है। केशव प्रसाद मोर्या ने कहा है कि भाजपा में किसी भी तरह की कोई बेचैनी नही हैं। यह गठबंधन जनता के लिए धोखा है। यह केवल स्वार्थों का गठबंधन है। कांग्रेस वापसी के लिए हुई है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए 12 जनवरी शनिवार का दिन बेहद खास साबित होने वाला है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती एक साथ नजर आने वाले है। इस खबर ने कई राजनीतिक दलों के दिलों की धड़कने बढ़ा दी है।
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माना जा रहा है कि कल बड़े ऐलान के कयास लगाए जा,ने लगे है। माना जा रहा है कि कल होने वाली इस प्रेसवार्ता में गठबंधन और सीटों को लेकर कोई घोषणा हो सकती है।दरअसल, बसपा राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और सपा राष्ट्रीय महासचिव राजेद्र चौधरी की तरफ से प्रेस रिलीज जारी की गई है।
इस रिलीज में शनिवार 12 जनवरी 2019 को अखिलेश यादव और मायावती के संयुक्त रुप से प्रेस कांफ्रेस की जानकारी दी गई है। इसी के साथ कई कयास लगाए जाने लगे है। यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं। माना जा रहा है कि दोनों पार्टियां 37-37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं।
वहीं कांग्रेस के गठबंधन में शामिल होने की स्थिति में उन्हें सिर्फ उनकी परंपरागत दो सीटें- अमेठी और रायबरेली दी जाएंगी। आरएलडी के भी इस गठबंधन में शामिल होने की संभावना है।यह भी कहा जा रहा है कि अगर अखिलेश और माया गठबंधन करते हैं तो 25 साल पहले का करिश्मा फिर से दोहराया जा सकता है, जब एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कांशीराम के साथ बीजेपी के रोकने के लिए हाथ मिलाकर यूपी में सरकार बनाई थी।
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