3 साल में 6 लाख इंजीनियर होंगे बेरोजगार

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हर साल करीब 2 लाख इंजीनियरों की सालाना छंटनी करने की तैयारी अभी तक बड़ी आईटी कंपनियां अपने यहां से लोगों को निकालने की तैयारी कर रही थीं। मानव संसाधन क्षेत्र से जुड़ी कंपनी हेड हंटर्स इंडिया के मुताबिक नई टेक्‍नोलॉजी के अनुरूप खुद को तैयार न होने के चलते भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हर साल करीब 2 लाख इंजीनियरों की सालाना छंटनी करने की तैयारी है।

हर साल करीब 2 लाख इंजीनियर होंगे बेरोजगार

नई तकनीक के अनुरूप खुद को ढालने में आधी अधूरी तैयारी हेड हंटर्स इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के. लक्ष्मीकांत ने मुताबिक अभी शुरुआती तौर पर यह खबर आई है कि हर साल 56,000 आईटी पेशेवरों की छंटनी होगी, पर नई तकनीक के अनुरूप खुद को ढालने में आधी अधूरी तैयारी के चलते तीन साल तक हर साल वास्तव में 1.75 से 2 लाख आईटी पेशेवरों की छंटनी हो सकती है।

टेक्नोलॉजी में बदलाव के चलते हुआ फैसला

आईटी इंडस्‍ट्री में काम करने वाले पेशेवरों की संख्‍या 39 लाख मैककिंसे एंड कंपनी के निदेशक नोशिर काका ने भी कहा था कि इस उद्योग के सम्मुख बड़ी चुनौती 50-60 फीसदी कर्मचारी को फिर से ट्रेनिंग देनी होगी। इसके पीछे उन्‍होंने मुख्‍य कारण टेक्‍नोलॉजी में होने वाले बड़े बदलाव को बताया।

आईटी इंडस्‍ट्री में काम करने वाले पेशेवरों की संख्‍या 39 लाख

रिपोर्ट के मुताबिक आईटी इंडस्‍ट्री में काम करने वाले पेशेवरों की संख्‍या 39 लाख है और इतने बडे पैमाने पर नई टेक्‍नोलॉजी पर काम करने की जरूरत होगी। टीमलीज सर्विसेज की कार्यकारी सहसंस्थापक और सह-संस्थापक रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि ऐसी स्थिति है जबकि काम करने वाले लोग समय के हिसाब में खुद में बदलाव नहीं ला पाईं। इस वजह से कई कर्मचारी आज के काम के लिए उपयुक्‍त नहीं हैं।

नैस्कॉम इंडिया लीडरशिप फोरम को इंडियन कंपनियों ने रिपोर्ट सौंपी हैं

नैस्कॉम इंडिया लीडरशिप फोरम को सौंपी गई रिपोर्ट का विश्लेषण के. लक्ष्मीकांत ने यह बातें मैककिंसे एंड कंपनी की ओर से 17 फरवरी को भारतीय सॉफ्टवेयर सेवा कंपनियों के मंच नैस्कॉम इंडिया लीडरशिप फोरम को सौंपी गई रिपोर्ट का विश्लेषण करते हुए कहीं है। मैककिंसे एंड कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया था कि आईटी सेवा कंपनियों में अगले 3-4 सालों में काम करने वाले आधे कर्मचारी अप्रासंगिक हो जाएंगे।

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