…तो मामला हॉरर किलिंग का नहीं सामूहिक हत्याकांड का था

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दो साल पहले तिमारपुर में रहने वाले वेदप्रकाश, उनकी पत्नी साधना, बेटा शुभम और टीचर बेटी नैना रहस्यमय तरीके से गायब हो गए थे। हापुड़ पुलिस ने जुलाई 2016 को गंग नहर से नैना का शव बरामद किया था। पुलिस को वहीं पर एक सैंट्रो कार मिली थी। यह कार नैना के पिता वेदप्रकाश के नाम पर रजिस्टर्ड थी।

गंग नहर में ठिकाने लगाने का जुर्म कबूल कर लिया

वेदप्रकाश सहित परिवार के तीनों सदस्यों का अब तक कोई अता-पता नहीं है। यूपी पुलिस ने इसे हॉरर कीलिंग बताया था। क्राइम ब्रांच ने दो साल बाद नैना सहित परिवार के चारों सदस्यों की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी को अरेस्ट किया है। आरोपी की पहचान अभिषेक पाल उर्फ मिंटू (26) के रूप में हुई। पूछताछ में उसने अपने साथी के साथ मिलकर हत्या और शवों को गंग नहर में ठिकाने लगाने का जुर्म कबूल कर लिया।

उनकी दुकान पर रितेश कात्याल काम करता था

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वारदात में शामिल दूसरे आरोपी की यूपी में हुए सड़क हादसे में पहले ही मौत हो चुकी है। अडिशनल सीपी अजीत कुमार सिंघला ने बताया कि वेदप्रकाश मजनूं का टीला इलाके में रेडीमेड गारमेंट की शॉप चलाते थे। उनकी दुकान पर रितेश कात्याल काम करता था। रितेश, अभिषेक पाल का दोस्त था।

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कुछ समय बाद वेदप्रकाश ने दुकान रितेश को किराए पर दे दी, लेकिन वह दुकान को चला नहीं पाया। इस चक्कर में उसने वेदप्रकाश से काफी पैसे उधार भी ले लिए। अभिषेक ने अपने दोस्त की गारंटी ली थी। जब उसने पैसे वापस नहीं लौटाए तो वेदप्रकाश ने अभिषेक और रितेश पर पैसे लौटाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। पैसे वापस न लौटाने पड़ें, इसलिए उन्होंने पूरी फैमिली को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया।

शवों को स्विफ्ट कार के अंदर छिपाकर रखा

पूछताछ में खुलासा हुआ कि 15 जुलाई 2016 की सुबह सबसे पहले आरोपियों ने वेदप्रकाश को बहाने से घर से बाहर बुलाया। क्लच वायर से गला घोंटकर उनकी हत्या कर करने के बाद शव को कार के अंदर छिपा दिया। इसके बाद आरोपियों ने शुभम और उनकी मां को मौत के घाट उतारा। आखिर में नैना की हत्या की गई। इसके बाद शवों को स्विफ्ट कार के अंदर छिपाकर रखा।

अगले दिन शवों को दिल्ली से हापुड़ ले जाकर गंग नहर में ठिकाने लगाने के लिए शवों को स्विफ्ट कार से निकालकर सैंट्रो कार में रखा गया। इसके बाद शवों को यूपी में ले जाकर ठिकाने लगाया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यूपी पुलिस ने नैना के शव को उसी दिन बरामद कर लिया था, लेकिन बाकी तीन शवों के बारे में अब तक कोई सुराग नहीं मिला।

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