‘सरदार’ की मूर्ति पर सियासत, माया बोलीं फिजूलखर्च
एक तरफ पूरा देश लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती में उन्हें याद कर रहा हैं, तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की राजनीतिक में एक नया विवाद शुरु हो गया है। यूपी की राजनीति में सरदार पटेल की मूर्ति को लेकर सियासत तेज हो गई है।
बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आज भाजपा पर बड़ा निशाना साधा है। मायावती ने कहा है अब कहां हैं वो लोग जो महापुरुषों की मूर्तियों और पार्कों के निर्माण को फिजूलखर्ची बताते थे।
सरदार की मूर्ति पर हजारों करोड़ रुपए खर्च करके उद्घाटन
जो लोग अंबेडकर की मूर्ति निमार्ण का विरोध कर रहे थे आज वहीं लोग हजारों करोड़ रुपए खर्च करके सरदार की प्रतिमा बनाकर वाह-वाही लूट रहे हैं। बसपा सरकार में तो यही लोग मूर्ति निर्माण और पार्कों के निर्माण को फिजूल खर्ची बता रहे थे आज यही लोग सरदार की मूर्ति पर हजारों करोड़ रुपए खर्च करके उद्घाटन कर रहे है।
भाजपा ने अंबेडकर की मूर्तियों का किया था विरोध
बसपा की सरकार में जब अंबेडकर मूर्तियां बनाई जा रही थी और पार्को का निर्माण कराया जा रहा था। तब भाजपा ने इसका विरोध करते जमकर होहल्ला मचाया था।
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आपको बता दे कि आज यानि 31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल 143 वीं जयंती मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को देश को समर्पित किया।
सरदार पटेल की इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर है, जो दुनिया में सबसे ऊंची है। सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च किया गया है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, कांसे की परत चढ़ाने के आशिंक कार्य को छोड़ कर बाकी पूरा निर्माण देश में ही किया गया है।
सरदार की मूर्ति नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कंपनी ने कहा कि रैफ्ट निर्माण का काम वास्तव में 19 दिसंबर, 2015 को शुरू हुआ था और 33 माह में इसे पूरा कर लिया गया।
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