17 मई को होगा ‘आधार’ पर फैसला

0

सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार को अनिवार्य बनाए जाने से संबंधित केंद्र सरकार की अधिसूचनाओं के खिलाफ दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में 17 मई को सुनवाई होगी। अधिसूचनाओं के तहत स्कूलों में मध्याह्न् भोजन तथा दिव्यांग पेंशन सहित तमाम सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार को आवश्यक बनाया गया है, जिसे याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी है। उन्होंने आधार अधिनियम को भी चुनौती दी है।

याचिकाकर्ताओं शांता सिन्हा और कल्याणी सेन मेनन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने जब शीर्ष अदालत से मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया तो प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा कि वे 17 मई को अवकाश पीठ के पास जाएं।

Also read : मोदी का मिशन वाराणसी टू कोलंबो

याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत में पेश दीवान ने शीर्ष अदालत के एक पीठ के नौ मई के आदेश का हवाला दिया, जिसमें पीठ ने याचिकाकर्ताओं से यह कहते हुए मामले को प्रधान न्यायाधीश के समक्ष ले जाने को कहा था कि इसकी सुनवाई संविधान पीठ द्वारा किए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि आधार अधिनियम के तहत इसे ऐच्छिक बनाया गया है, लेकिन सरकार ने फरवरी से लेकर अभी गुरुवार तक जारी 17 अधिसूचनाओं में इसे आवश्यक बना दिया है।

शांता सिन्हा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की प्रथम अध्यक्ष रह चुकी हैं। वह पद्मश्री और मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित हैं, जबकि कल्याणी सेन मेनन एक नारीवादी शोधकर्ता हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More