एनडी तिवारी के पार्थिव शरीर को लाया जाएगा लखनऊ
उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री, देश के वरिष्ठ राजनेता नारायण(Narayan) दत्त तिवारी का पार्थिव शरीर शनिवार को 20 अक्टूबर को राजधानी लखनऊ लाया जाएगा। आज दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास में एनडी तिवारी के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
एनडी तिवारी का निधन गुरूवार को दिल्ली के मैक्स अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद हो गया था। कल यानि कि गुरूवार को ही उनका जन्म दिन भी था। एनडी तिवारी ने 93वें साल की आयु में अंतिम सांस ली।
पार्थिव शरीर को विधान भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा
आपको बता दें कि एनडी तिवारी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रहे हैं। उन्होंने काफी समय यहां बिताया। लखनऊ से खास लगाव के कारण उनके पार्थिव शरीर को लखनऊ लाया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को विधान भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
प्रदेश में 20 और 21 तारीख को राजकीय शोक की घोषणा
20 अक्टूबर को ही शाम को एनडी तिवारी के पार्थिव शरीर को उत्तराखंड ले जाया जाएगा। यहां भी उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि दी जाएगी। 21 अक्टूबर को उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगी। इसी के साथ ही प्रदेश में 20 और 21 तारीख को राजकीय शोक की घोषणा की गयी है।
आपको बता दें कि एन डी तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल के बतुली गांव में हुआ था। नैनीताल उत्तर से सोशलिस्ट पार्टी से जीते थे। वो उत्तर प्रदेश के चार बार सीएम रह चुके हैं। इतनी ही नहीं एनडी तिवारी आंध्र प्रदेश के पूर्व गर्वनर थे।18 अक्टूबर 1925 को एन जी तिवारी का जन्मदिन था। 1951 से 52 में पहली बार विधायक बने थे। एनडी तिवारी भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़े थे और जेल भी जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से बीजेपी में आए नेता एनडी तिवारी का गरुवार को 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। एनडी तिवारी पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। जिसके बाद गुरुवार को दिल्ली के साकेत में एक प्राइवेट अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनकी अचानक मृत्यु से पूरी राजनीतिक हलकों में शौक का माहौल है। गौरतलब है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके दिग्गज नेता एनडी तिवारी ने तीन बार सीएम पद की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने पहली बार बतौर यूपी सीएम 1976-77 तक कांग्रेस सरकार की सत्ता संभाली। जिसके बाद 1984-85 और 1988-89 के दौरान भी उनका कार्यकाल रहा।
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