OMG : 40 हजार इंसानी कंकालों से बना है ये चर्च
जिस तरह से हिंदू मंदिर में, मुस्लिम मस्जिद में पूजा करते हैं, ठीक उसी तरह ईसाई पूजा के लिए चर्च का प्रयोग करते हैं। विश्व में ज्यादातर मंदिर, मस्जिद और चर्च पत्थर के बने होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं एक ऐसा भी चर्च है जो इंसान की हड्डियों से बना है।
जहां इंसानी हड्डियों को रखा जाता है
जी हां, विश्व में ऐसे एक-दो नहीं बल्कि कई ऐसे चर्च हैं, जिनको बनाने के लिए हज़ारों लोगों की हड्डियों और कंकालों का प्रयोग किया गया है। चर्च इसके लिए बाकायदा इंसानी कंकाल को सहेज कर रखता है। ऐसी जगह, जहां इंसानी हड्डियों को रखा जाता है, ऑस्युअरी कहलाती है।
ईसाईयों की पवित्र भूमि फिलिस्तीन भेजा गया था
सबसे पहले यहां शवों की अस्थाई रूप से कब्र बनाई जाती है। कुछ साल बीतने के बाद उन शवों से हड्डियां को निकाल कर चर्च के ऑस्युअरी में संरक्षित कर ली जाती हैं। इसकी कहानी शुरू होती है 13वीं शताब्दी से, जब यहां के एक संत हेनरी को ईसाईयों की पवित्र भूमि फिलिस्तीन भेजा गया था। कहा जाता है कि 1278 में जब हेनरी वहां से वापस आए तो अपने साथ उस जगह की मिट्टी से भरा हुआ एक जार भी ले आए, ये पवित्र मिट्टी उसी जगह की है, जहां प्रभु यीशु को सूली पे चढ़ाया गया था।
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उन्होंने वहां से लाई गई मिटटी को एक कब्रिस्तान के ऊपर डाल दी। उसके बाद वो जगह लोगो को दफ़नाने की पसंदीदा जगह बन गई। 14वीं और 15वीं शताब्दी में यहां प्लेग और युद्धों के कारण बहुत अधिक लोगों की मौत हुई। भारी तादात में मरे लोगों को दफ़नाने के कारण कब्रिस्तान में बिल्कुल भी जगह नहीं बची। तब यहां के लोगों के मन में एक ऑस्युअरी बनाने का ख्याल आया।
हड्डियो से एक कलात्मक चर्च का निर्माण किया गया
जिसके बाद से इस कार्य को वहां के संत और पादरी को सौंप दिया गया, जो कब्रों में से हड्डियों को निकाल कर ऑस्युअरी में रख देते। 1870 में उसी जगह पर इकट्ठा हुई तकरीबन 40 हजार लोगों की हड्डियो से एक कलात्मक चर्च का निर्माण किया गया। देखते ही देखते यह चर्च अपनी खूबसूरती के लिए चेक गणराज्य ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया। इसे लोग हड्डियों के चर्च के नाम से जानते हैं। आज के समय में हर साल पूरी दुनिया से लगभग 2.5 लाख से ज्यादा लोग इस चर्च को देखने के लिए आते हैं।साभार
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