SC के आदेशों का उड़ रहा माखौल, स्कूल के सामने खुला मॉडल शॉप
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 7 अप्रैल 2017 को साफ शब्दों में स्पष्ट कर दिया था कि स्कूलों, धार्मिक स्थलों, और आवासीय इलाकों में शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी। सरकार के साफ आदेशों के बाद भी गोमतीनगर स्थित केंद्रीय विद्यालय के सामने शराब की दुकान चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ा आबकारी विभाग
शराब की दुकान होने से लगातार वहां पर शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे वहां छात्रों पर इसका बुरा असर पड़ता है। मॉडल शॉप होने की वजह से वहां पर छात्राओं को भी दिक्कतें होती हैं।
अव सवाल उठता है कि स्कूल के सामने शराब की दुकान का लाइसेंस आखिर क्यों जारी कर दिया गया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया था कि स्कूल, आवासीय बस्ती, हाइवे, और धार्मिक स्थलों से दो सौ मीटर के दायरे में कोई भी शराब की दुकान नहीं खुलेगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाइवे पर इसकी दूरी बढ़ाते हुए 500 मीटर की थी।
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पुलिस क्यों नहीं कर रही कार्रवाई ?
आखिर गोमतीनगर में केंद्रीय विद्यालय के सामने खुली इस शराब की दुकान पर अबतक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? जहां पर ये मॉडल शॉप की चल रहा है वहां से गोमतीनगर थाना महज 1 किलोमीटर की दूरी से भी कम पर है। लेकिन लखनऊ पुलिस अपनी आंख पर पर्दा डाले हुए है। इसके साथ ही आबकारी विभाग ने आखिर एक स्कूल के सामने शराब की दुकान का लाइसेंस कैसे जारी कर दिया?
शराबबंदी संघर्ष समिति दे रही धरना
केंद्रीय विद्यालय के सामने से शराब की दुकान को हटवाने के लिए शराबबंदी संघर्ष समिति धरना दे रही है। लेकिन सरकार और पुलिस इस पर मौन है। किसी स्कूल के सामने इस तरह शराब की दुकान धड़ल्ले से चलना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाने के साथ ही आबकारी विभाग से लेकर पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े कर रही है। पुलिस को इसकी जानकारी होते हुए भी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
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