वसीम रिजवी ने हरे रंग पर चांद तारा बने झंडे पर आपत्ति जताई
उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने हरे रंग पर चांद तारा बने झंडे (flag) पर आपत्ति जताते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार से मामले को गंभीरता से लेने को कहा है।
1906 में मुस्लिम लीग ने बनाया था ये झंडा
हरे रंग पर बना सफेद चांद तारे वाला इस्लामिक झंडा नहीं है, बल्कि 1906 में मुस्लिम लीग ने इस झंडे को बनाया था।
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भारत और पाकिस्तान के अलग हो जाने के बाद ये झंडा मुस्लिम लीग के साथ पाकिस्तान चला गया। इस झंडे को पाकिस्तान का झंडा कहकर भारत में फहराया जा रहा है यह झंडा पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग कायदे आजम का झंडा बनने के बाद से आज तक है।
इस्लाम के आने से पहले वेश्याएं करती थीं इस्तेमाल
इस्लाम के आने से पहले चांद तारा बने झंडे का इस्तेमाल अरब की वेश्याएं करती थीं, जो चांदनी रात में तारों की छांव में महफिलें सजाती थीं।
रिजवी ने भारतीय मुसलमान से पाकिस्तान के इस निशान का प्रचार न करने की हिदायत दी। पाकिस्तान हिंदुस्तान का दुश्मन देश है। पाकिस्तान से प्यार जताना देश के साथ देशद्रोह और गद्दारी है।
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