मिट्टी की रोटी खाते देख दुखी हुए सहवाग
पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंदर सहवाग ने भावुक कर देना विडियो ट्वीटर पर पोस्ट किया है। जिसमें लोग मिट्टी से बनी ‘रोटी’ खाकर गुजारा कर रहे हैं। इस विडियो को शेयर करते हुए सहवाग ने लोगों से खाना न बर्बाद करने की गुजारिश की है।
Poverty ! Eating Roti’s of mud mixed with salt in Haiti. Please please don’t waste your food, what you don’t value and take for granted is a huge luxury for some. Please donate extra food to people in need or associations like Roti Bank’s which give it to the needy 🙏🏼 pic.twitter.com/gyEJ9kF4Jy
— Virender Sehwag (@virendersehwag) June 20, 2018
हैती देश के इस विडियो को शेयर करते हुए सहवाग ने लिखा, ‘गरीबी! हैती में लोग मिट्टी और नमक मिली रोटी खा रहे हैं। जिस चीज की आप परवाह नहीं करते और सोचते हैं कि यह तो हमारी ही है वह असल में एक बड़ी लग्जरी है, कृपया अपना खाना बर्बाद न करें। फालतू खाना जरूरतमंदों तक पहुंचाएं, जिसके लिए रोटी बैंक समेत अन्य संस्थानों की मदद ली जा सकती है।’
क्यों खाई जाती है मिट्टी की रोटी?
हैती कैरीबियाई देशों में से एक है। 2010 में वहां भयंकर भूकंप आया था, जिसमें ढाई लाख के करीब लोगों की जान चली गई थी, वहीं 30 लाख से ज्यादा लोग उस भूकंप से प्रभावित हुए थे। हैती अब भी उससे उभरने की कोशिशों में लगा हुआ है। हालांकि, वहां गरीबी पहले से है, वहां के पिछड़े इलाकों में तो हाल बहुत ही खराब है।
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2008 में खबर आई थी कि वहां के लोग खाने की कीमतों में आए उछाल की वजह से मिट्टी की कुकीज बनाकर खाने लगे थे। दरअसल, उनपर खाना खरीदने तक के पैसे नहीं थे, ऐसे में वे वहां की पीली मिट्टी का इस्तेमाल करके कुकीज बनाने लगे।यह सब तेल की कीमतों के बढ़ने की वजह से शुरू हुआ था।
तेल की जरूरत खेती, यातायात, सिंचाई हर चीज के लिए थी और उसी के दाम बढ़ गए थे। इस वजह से बाकी सब भी महंगा हो गया। 2008 में आई खबरों के मुताबिक, देशभर में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ीं थीं और हैती में यह महंगाई 40 प्रतिशत तक ज्यादा हो गई थी।
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