विदेशों में पढ़ाई का सपना होगा पूरा, मिल रही है स्कॉलरशिप

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 विदेश में उच्च शिक्षा हासिल करने की हसरत रखने वाले भारतीय विद्यार्थियों को तुर्की में सरकार द्वारा चलाई जा रही छात्रवृत्ति योजना तेजी से आकर्षित कर रही है। तुर्की की सरकार ने विदेशी विद्यार्थियों को खास तौर पर ध्यान में रखते हुए यह छात्रवृत्ति योजना शुरू की है, जिसका संचालन एक केंद्र से हो रहा है।

तुर्की में छात्रवृत्ति योजना की देखरेख करने वाली ‘प्रेसीडेंसी ऑफ तुर्क्‍स एब्रॉड एंड रिलेटेड कम्युनिटीज’ के अनुसार, तुर्की में शिक्षा हासिल करने के लिए 2016 में 175 देशों से 122,000 विद्यार्थियों ने आवेदन किया। 2012 के बाद से अब तक भारत के 100 विद्यार्थियों को इस छात्रवृत्ति का लाभ मिला है।अंकारा विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट कर रहे मुस्तफा उजाम्पाली ने एक बयान जारी कर कहा, “मैं दक्षिण भारत के एक किसान परिवार से हूं। मेरे जैसे विद्यार्थियों के लिए तुर्की आना और उच्च शिक्षा हासिल करना सोच से भी परे है। मैंने इस छात्रवृत्ति के लिए आवेदन दिया और मेरा आवेदन स्वीकार कर लिया गया।”

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने रविवार को भारत दौरे से ठीक पहले कहा, “हम तुर्की आने वाले पूरी दुनिया के विद्यार्थियों को अपनाते हैं।” तुर्की ने पूर्व राष्ट्रपति तुर्गुत ओजाल के कार्यकाल के दौरान 1992 में यह छात्रवृत्ति योजना शुरू की थी। शुरुआत में इस छात्रवृत्ति योजना का लाभ मध्य एशिया के तुर्की गणराज्य के लोगों को ही मिलता था, लेकिन बाद में इसे पूरी दुनिया के विद्यार्थियों के लिए शुरू किया गया।

स्नातक, परास्नातक, पी.एचडी., कला प्रवीणता एवं अन्य अनुसंधान पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों के लिए चलाई जा रही इस छात्रवृत्ति योजना में गुजारा भत्ता, आवास, ट्यूशन एवं शिक्षा शुल्क और स्वास्थ्य खर्चे शामिल थे। साथ ही छात्रवृत्ति का लाभ लेने वाले विद्यार्थियों को तुर्की की कोई एक भाषा सीखनी अनिवार्य है।

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गाजी विश्वविद्यालय से संचार में पी.एचडी. कर रहीं कनिका वालिया ने कहा, “मीडिया द्वारा यह भ्रम फैलाया जाता है कि इस्लामिक देश होने के चलते भारत के दूसरे धर्मो के विद्यार्थियों को परेशानियों या प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन मैं यहां रह रही हूं, यहां रहना बहुत ही शानदार अनुभव है और यह बहुत ही सुंदर जगह है।”

ऐसे विद्यार्थी जिन्हें तुर्की भाषा नहीं आती और वे यह छात्रवृत्ति चाहते हैं तो उन्हें एक वर्ष निशुल्क तुर्की भाषा की शिक्षा दी जाती है। जो विद्यार्थी तुर्की भाषा के पाठ्यक्रम में उत्तीर्ण हो जाते हैं, उन्होंने जिस विश्वविद्यालय में पंजीकरण करवाया होता है, वहां उन्हें अपनी शिक्षा पूरी करने की इजाजत मिल जाती है।

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इस छात्रवृत्ति योजना का एक अन्य उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ तुर्की के संबंधों को दृढ़ करना भी है। तुर्की की कला, संस्कृति, इतिहास या संगीत में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए सटिर्फिकेट स्तर के पाठ्यक्रम भी हैं। इन पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अध्ययन से संबंधित दौरों का खर्च भी वहन नहीं करना पड़ता।

अंकारा विश्वविद्यालय में बी.ए. की शिक्षा ले रहे केरल के विद्यार्थी नवाज कुट्टाकारेन ने कहा, “तुर्की में रहकर काफी अच्छा लग रहा है। मैं हमेशा विदेश में शिक्षा हासिल करने के सपने देखा करता था और कभी नहीं सोचा था कि मैं तुर्की में पढ़ूंगा। मैंने तुर्की की सरकार द्वारा चलाई जा रही इस छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन दिया, जो स्वीकार कर ली गई।”

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