अब टोल पर बवाल नहीं करेंगे ‘माननीय’
टोल टैक्स देने को लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं और कभी-कभी ये विवाद खूनी संघर्षों में भी बदल जाता है। टोल गेट पर पहुंचते ही सांसद, विधायक और मंत्री के रिश्तेदार भी सत्ता की हनक दिखाने से बाज नहीं आते हैं। ऐसे में टोलकर्मियों द्वारा विरोध करने पर उनके साथ हाथापाई पर उतर आते हैं। योगी सरकार(Yogi Sarkar) ने एक्सप्रेस-वे नियमावली-2010 में संशोधन करते हुए एक्सप्रेस-वे पर यात्रा करने वाले लोक सभा, राज्य सभा, उत्तर प्रदेश विधान सभा एवं विधान परिषद के सदस्यों से टोल टैक्स न लेने का फैसला लिया है।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने नियमावली में किया संसोधन
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के सचिव एम0पी0 अग्रवाल द्वारा उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे (पथकर उद्ग्रहण एवं फीस निर्धारण तथा उसकी वसूली) नियमावली-2010 में संशोधन की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। बता दें कि इससे पहले
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भारत के राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,मुख्य न्यायमूति, राज्यपाल,उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, केन्द्रीय एवं राज्य विधान मण्डल की अधिकारिता रखने वाले पीठासीन अधिकारियों के टोल टैक्स फ्री है।
इन लोगों से नहीं लिया जाता है टोल टैक्स
इसी प्रकार लोकसभा,राज्यसभा और विधान मण्डल के विरोधी दल नेता से एक्सप्रेस-वे पथकर नहीं लिया जाता है। इनके अलावा उच्चत्म न्यायालय के न्यायाधीश, राज्य विधान परिषद के सभापति, राज्य विधान सभा के अध्यक्ष, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, भारत सरकार के मंत्री तथा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों से टोल टैक्स न लेने की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव और आयुक्त, राज्य के दौरे पर आये उच्च पदस्थ विदेशी व्यक्ति, सी0डी0 प्रतीक के साथ कार का प्रयोग करने वाले भारत में संस्थापित विदेशी मिशनों के प्रधानों से पथकर नहीं वसूला जाता है।
समस्त राजकीय वाहनों के लिए एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स फ्री है
इसके अतिरिक्त एम्बुलेंस के रूप में प्रयुक्त यान, अग्निशमन, अर्धसैनिक बलों, पुलिस वर्दी में केन्द्रीय और राज्य सशस्त्र बल के लिए एवं रक्षा मंत्रालय जिसमें वे सम्मिलित हैं, जो भारतीय पथकर (सेना और वायु सेना) अधिनियम 1901 और तद्धीन बनाये गये नियमों से आच्छादित है, उनसे पथकर नहीं लिया जा रहा है।
पहले भी योगी सरकार ने लिया था फैसला
बता दें कि इससे पहले भी योगी सरकार ने माननीयों से टोल टैक्स न वसूलने का निर्णय लिया था लेकिन मीडिया में खबरें आने के बाद योगी सरकार की किरकिरी होने लगी थी। जिसके बाद योगी सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया था। लेकिन अब एक बार फिर से योगी सरकार अपने उसी फैसले को लागू करने जा रही है।