मदरसों में अब हिंदी और अंग्रेजी की पढ़ाई अनिवार्य
मदरसों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए लगातार अभियान चला रही योगी सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला किया है। अब मदरसों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीइआरटी) की पाठ्य पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी।
उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी
इनमें उर्दू के अलावा हिंदी व अंग्रेजी भाषा को भी अनिवार्य कर दिया गया है। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में 11 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली।
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राज्य सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पत्रकारों को फैसलों की जानकारी दी। श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन एवं सेवा नियमावली 2016 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
भाषा के माध्यम से शिक्षा दी जा सकेगी
इस संशोधन के तहत अब दीनी तालीम के साथ ही अरबी, फारसी शिक्षा उर्दू, अरबी व फारसी में देने के अलावा गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कंप्यूटर आदि की शिक्षा उर्दू, हिंदी एवं अंग्रेजी में देने का निर्णय लिया है। इस संशोधन के बाद अब मदरसों में अरबी, फारसी, उर्दू के साथ-साथ हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं के माध्यम से शिक्षा दी जा सकेगी।
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