2 दिवसीय नेपाल दौरे पर पीएम मोदी, ये मुद्दे होंगे अहम…
एक महीने पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने पहले विदेश दौरे पर भारत आए थे और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) वहां पहुंच गए हैं। नेपाल में चीन के बढ़ते प्रभाव के साथ-साथ पुराने जख्मों को भरने और भरोसा बढ़ाने के लिहाज से पीएम मोदी का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों नेताओं में कई चीजें कॉमन हैं। दोनों नेताओं का विcaorकास को लेकर महात्वाकांक्षी अजेंडा है। कुछ मतभेद भी हैं, जिसे दूर करने की कोशिशें होंगी।
पीएम मोदी के 2 दिवसीय नेपाल दौरे की कुछ बड़ी बातें
पीएम मोदी की इस यात्रा को भारत-नेपाल संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान मोदी नाकेबंदी के कारण नेपाल के लोगों में भारत के खिलाफ पैदा हुई कड़वाहट को भी दूर करने की कोशिश करेंगे।
ओली ने 2015 में संविधान को लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसे तब भारत का समर्थन नहीं मिल पाया था, जिसके बाद नेपाल के खिलाफ गैर-आधिकारिक गतिरोध की स्थिति बनी थी।
सीता के मायके जा रहे पीएम
प्रधानमंत्री सीधे सीता के मायके और ऐतिहासिक शहर जनकपुर जाएंगे और मुक्तिनाथ निकलने से पहले यहां विशेष पूजा करेंगे। अयोध्या के लिए बस सेवा को हरी झंडी दी जाएगी। इसके बाद वह काठमांडू में आधिकारिक बैठकें करेंगे। उनकी यात्रा भारत के सहयोग से चल रही प्रमुख परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन तथा भरोसा बनाने पर केंद्रित रहेगी।
पीएम मोदी को जनकपुर और काठमांडू में पब्लिक रिसेप्शन दिया जाएगा और नेपाल की सेना उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देगी। वह राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी, उपराष्ट्रपति नंद बहादुर से मुलाकात करेंगे और पीएम ओली से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
Also Read : योगी राज में क्यों ‘पलायन’ को मजबूर 35 हिंदू परिवार ?
यात्रा से पहले पीएम मोदी ने कहा कि उनकी नेपाल यात्रा ‘पड़ोस पहले’ की नीति के प्रति उनकी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने कहा है, ‘यह दौरा नेपाल के साथ हमारे वर्षों पुराने, करीबी और मैत्रीपूर्ण संबंधों को भारत और खासतौर पर मेरी तरफ से दी जाने वाली उच्च प्राथमिकता को दर्शाता है।’ उन्होंने हिमालयी देश के नए युग में प्रवेश करने की बात करते हुए कहा कि भारत उसका पक्का साथी बना रहेगा।
मोदी की तीसरी नेपाल यात्रा
प्रधानमंत्री के तौर पर यह मोदी की तीसरी नेपाल यात्रा है। मोदी ने कहा है कि नेपाल लोकतंत्र को मजबूत करने और तीव्र आर्थिक वृद्धि और विकास को हासिल करने के नए युग में प्रवेश कर रहा है, भारत ‘समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाल’ के उद्देश्य को पूरा करने में नेपाल के साथ है। मोदी ने कहा है कि मेरी यात्रा से नेपाल के साथ पारस्परिक लाभ, सद्भावना और समझ पर आधारित हमारी जन केंद्रित भागीदारी और मजबूत होगी।
कई वर्षों की राजनीतिक उथल-पुथल के बाद ओली वहां एक स्थिर सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि कि इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों में गंभीरता लाना है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे इन दो पड़ोसी देशों के बीच भरोसा और मजबूत होगा।
मधेसियों के मसले पर बात?
क्या भारत भारतीय मूल के मधेसी समुदाय की मांग के अनुसार नेपाल के संविधान में संशोधन की मांग करेगा ? यह पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा है कि इस समुदाय के नेता वहां एक प्रांत में पहले ही सत्ता में आ चुके हैं और भारत की घटनाक्रम पर निगाह है। प्रधानमंत्री काठमांडू में दो मधेसी दलों के नेताओं से भी मिलेंगे।
Also Read : 350 रुपए तनख्वाह वाला ‘यादव सिंह’ ऐसे बना धनकुबेर
दोनों पक्ष कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन पर विचार करेंगे, जिनमें काठमांडू को रक्सौल से जोड़ने वाली रेल परियोजना तथा नेपाल को नदी परिवहन प्रणाली के जरिए भारत से जोड़ना है।
चीन बढ़ा रहा प्रभाव
चीन नेपाल में विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं की पेशकश के साथ अपनी पैठ मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा है। भारत विभिन्न परियोजनाओं के साथ उसकी तोड़ निकालना चाहता है। मोदी शुक्रवार को बिहार से हेलिकॉप्टर से जनकपुर पहुंचेंगे। वे जनकपुर के ऐतिहासिक जानकी मंदिर में पूजा करेंगे।
रामायण सर्किट पर हो सकती है कोई घोषणा
मोदी व ओली अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इसके साथ ही प्रस्तावित ‘रामायण सर्किट’ पर भी कोई घोषणा की जा सकती है। काठमांडू में मोदी पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा व पुष्प कमल दहल से भी मुलाकात करेंगे।