जज रेड्डी का इस्तीफा नामंजूर, हाई कोर्ट ने कहा, तुरंत ज्वॉइन करो ड्यूटी
हैदराबाद की मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में फैसला सुनाने के कुछ ही घंटों बाद ही स्पेशल एनआईए कोर्ट में अपने पद से इस्तीफा देने वाले जज रविंदर रेड्डी(Judge Reddy) के इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाई कोर्ट ने जज रेड्डी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है।
हाई कोर्ट ने जज रेड्डी से तुरंत ड्यूटी पर लौटने को कहा
सूत्रों के मुताबिक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाई कोर्ट ने जज रेड्डी से तुरंत ड्यूटी पर लौटने को कहा है। बता दें कि मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में फैसला सुनाने के तुंरत बाद जज रेड्डी ने पद छोड़ दिया था। रेड्डी ने अपने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया था और कहा था कि इसका मक्का मस्जिद के फैसले से कोई लेना-देना नहीं है। एक अधिकारी ने कहा था कि जज रेड्डी काफी समय से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे थे। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जज के इस्तीफे पर हैरानी जताई थी।
मक्का मस्जिद बलास्ट में सुनाया था फैसला
बता दें कि जज रेड्डी ने अपने फैसले में मक्का मस्जिद बलास्ट मामले में फैसला सुनाने हुए स्वामी असीमानंद समेत सभी पांचों आरोपी को सबूत के अभाव में बरी कर दिाय था। फैसले के बाद असीमानंद के वकील ने बताया, ‘जज ने अपने आदेश में यह टिप्पणी की है कि अभियोजन की तरफ से लगाए गए आरोपों में से एक भी साबित नहीं हो सके, और इसलिए उन्होंने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।’
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स्वामी असीमानंद थे मुख्य आरोपी
स्वामी असीमानंद इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक थे। 18 मई 2007 को हुए इस ब्लास्ट में 9 लोग मारे गए थे जबकि 58 घायल हुए थे। बाद में प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस फायरिंग में भी कुछ लोग मारे गए थे। आपको बता दें कि इस मामले में 10 आरोपियों में से 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।
सभी आरोपियों को किया गया था बरी
सभी 5 आरोपी देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद उर्फ नबा कुमार सरकार, भारत मोहनलाल रत्नेश्वर उर्फ भारत भाई और राजेंद्र चौधरी को कोर्ट ने बरी करने का फैसला सुनाया। इन सभी को मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया गया था और उनपर ट्रायल चला था।