मक्का मस्जिद ब्लास्ट : ‘बम धमाके करने वाले नाथूराम गोडसे की ‘नाजायज’ संतान’
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) ने 2007 के मक्का मस्जिद बम ब्लास्ट केस में शामिल आतंकियों को नाथूराम गोडसे की ‘नाजायज’ संतान बताया है। साथ ही, मामले में आरोपियों को बरी किए जाने पर नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि एनआईए पिंजड़े में बंद तोता है, जो अंधा और बहरा भी है।
नाथूराम गोडसे की ‘नाजायज’ संतान
तेलंगाना के सैदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान ओवैसी ने कहा, ‘आतंकवाद आज खुद में एक धर्म बन गया है। जिन लोगों ने मक्का मस्जिद, अजमेर शरीफ और समझौता एक्सप्रेस में बम धमाके कराए, वे नाथूराम गोडसे की ‘नाजायज’ संतान हैं।’ आपको बता दें कि नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।
‘एनाआईए पिंजड़े में बंद अंधा-बहरा तोता’
मक्का मस्जिद पर आए फैसले के बारे में ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर पीड़ितों की जगह आरोपियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘यह पहली ऐसी सरकार है इस देश में जिसकी वफादारी बम धमाके के आरोपियों के साथ है, न कि पीड़ितों के साथ जिनकी जान चली गई थी।’
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‘दोबारा हो जांच’
ओवैसी ने मामले की दोबारा जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस बाबत में वह आंध्र प्रदेश-तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से जल्द ही मिलेंगे और केस से जुड़े तथ्य उनके सामने रखेंगे। साथ ही, उन्होंने मामले में पीड़ित परिवारों को एनआईए के विशेष कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने पर आर्थिक मदद देने का वादा भी किया।
एनआईए विशेष कोर्ट ने कर दिया था बरी
गौरतलब है कि 11 साल पहले हैदराबाद की प्रसिद्ध मक्का मस्जिद में हुए शक्तिशाली पाइप बम धमाके मामले में स्वामी असीमानंद सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया। 18 मई 2007 को यानी जुमे की नमाज के दिन मुस्लिम समाज के इस प्रसिद्ध इबादतगाह में हुए ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा विस्फोट में 58 लोग घायल भी हुए थे।