मेघालय में कांग्रेस ने किया सरकार बनाने का दावा
मेघालय विधानसभा चुनाव के परिणामों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाने के कारण सरकार बनाने को लेकर दांव-पेंच की राजनीति शुरू हो गई है। 21 सीटों पर विजय हासिल करने वाली कांग्रेस ने शनिवार को परिणाम आने के तुरंत बाद राज्यपाल को पत्र सौंपा और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रविवार को 11 बजे नए चुने हुए विधायकों के साथ मुलाकात करेंगे। बता दें कि सरकार बनाने के दावे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी और विंसन पाला ने राज्यपाल से मुलाकात की और पत्र सौंपा। वहीं, दूसरी ओर बीजेपी भी अपने सपोर्ट से गठबंधन की सरकार बनाने को लेकर पूरी ताकत लगा रही है।
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इस बाबत बीजेपी नेता और असम सरकार में मंत्री हेमंत विस्वा शर्मा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता किरण रिजिजू और केजे अल्फोंस भी शिलांग पहुंच रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, हेमंत विस्वा और केजे अल्फोंस दोपहर 1 बजे राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं।
गलती दोहराना नहीं चाहती कांग्रेस
मेघालय में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी कांग्रेस गोवा और मणिपुर में हुई अपनी गलतियों को दोहराना नहीं चाहती है। यही कारण है कि मेघालय के नतीजे आने से पहले ही कांग्रेस पार्टी ने अपने तीन वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल, कमलनाथ और मुकुल वासनिक को दिल्ली से शिलांग के लिए रवाना कर दिया था। इन तीनों नेताओं ने शिलॉन्ग में आने के बाद मेघालय में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी।
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि हमने मेघालय के गवर्नर से शनिवार देर रात मुलाकात की और उन्हें एक चिट्ठी दी थी। उन्होंने कहा कि नियम अनुसार जो सबसे बड़ी पार्टी होती है उसे ही पहले सरकार बनाने का न्योता दिया जाना चाहिए। ऐसे में कांग्रेस को यह मौका पहले मिलना चाहिए, जिसके बाद वो मेघालय असेंबली में फ्लोर टेस्ट के दौरान बहुमत सिद्ध करेंगे।
कमलनाथ ने बीजेपी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बीजेपी के पास सिर्फ दो सीट हैं, उनके वरिष्ठ नेता यहां क्यों हैं? उन्होंने पूछा कि दो सीटों वाली भाजपा अन्य विधायकों को लुभा रही है। मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 21 सीटों पर जीत हासिल की है, इसके बावजूद उसे पिछले चुनाव के मुकाबले नुकसान झेलना पड़ा है। बता दें कि पिछले चुनावों में पार्टी ने 60 में से 29 सीटें जीती थीं। वहीं, भाजपा की संभावित गठंबधन साझेदार नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने 19 सीटें जीत ली हैं और भाजपा को 2 सीटों पर जीत मिली है।
AAJTAK
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