पाकिस्तान की ‘निर्भया’ के कातिलों को मिली फांसी की सजा
पाकिस्तान की लाहौर स्थित आंतकवाद निरोधक अदालत ने सात वर्षीय बच्ची जैनब के साथ दुष्कर्म के आरोपी इमरान अली को फांसी की सजा सुनाई है। इमरान अली को पंजाब फरेंसिक साइंस एजेंसी, नैशनल डेटाबेस ऐंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी, काउंटर टेररिजम अथॉरिटी और सैन्य एजेंसियों द्वारा 14 दिन के संयुक्त प्रयासों के बाद गिरफ्तार किया गया था।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फरेंसिक एजेंसियों ने संदिग्धों के 1000 सैंपल और 150 डीएनए की जांच की तब जाकर दुष्कर्म करने वाले की पहचान हो पाई। इमरान बच्ची का ही पड़ोसी है।
अपहरण के बाद रेप फिर हत्या
गौरतलब है कि पांच जनवरी को जैनब लापता हो गई थी। उसके माता-पिता सऊदी अरब गए हुए थे और वह अपनी एक रिश्तेदार के साथ रह रही थी। इसके बाद 9 जनवरी को शाहबाज खान रोड के पास कचरे के एक ढेर से उसका शव बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई थी।
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घटना के बाद हुए हिंसक प्रदर्शन
पाकिस्तान को झकझोर देने वाली इस घटना के विरोध में समूचे मुल्क में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए थे। पंजाब प्रांत में तो इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे। कसूर शहर के उपायुक्त कार्यालय पर गुस्सैल भीड़ ने डंडों और पत्थरों के साथ धावा बोल दिया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे। टीवी डिबेट्स में यह मामला सुर्खियों में रहा। मानवीय संवेदनशीलता और बच्चों के साथ बढ़ती दरिंदगी की घटनाओं को लेकर भारत में भी खूब चर्चा हुई।
(साभार- नवभारत टाइम्स)