नीरव मोदी के ठिकानों पर छापे जारी, PNB के 18 कर्मचारी निलंबित

0

पंजाब नेशनल बैंक में फ्रॉड के जरिए 11400 करोड़ का चूना लगाने के मामले में नीरव मोदी और सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। देशभर में नीरव मोदी के लगभग एक दर्जन ठिकानों पर कल से छापेमारी जारी है। इस कार्रवाई में 5100 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी। मुंबई के काला घोड़ा इलाके में नीरव मोदी के शोरूम में कल से छापेमारी चल रही है। अभी भी ईडी के अधिकारी वहां मौजूद हैं जो कल से कार्रवाई में लगे हैं। नीरव मोदी के खिलाफ सीबीआई ने लुकआउट नोटिस भी जारी किया है। इसके अलावा मेहुल चौकसे के गीतांजलि ग्रुप के 6 राज्यों में 20 ठिकानों पर भी छापेमारी हो रही है।

PNB ने अपने 8 और कर्मचारी किए निलंबित

वहीं, पंजाब नेशन बैंक की भी आंतरिक जांच जारी है। बैंक ने जांच के दौरान अपने 8 और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इसके बाद बैंक के निलंबित कर्मचारियों की कुल संख्या 18 पहुंच गई है। निलंबित कर्मचारियों में जनरल मैनेजर लेवल के अध‍िकारी भी शामिल हैं। मेहुल चौकसे के पांच राज्यों के छह शहरों के बीस ठिकाने पर छापेमारी की गई है। इनमें मुंबई, पुणे, सूरत, जयपुर और हैदराबाद शहर में छापेमारी की गई।

पकड़ने के लिए इंटरपोल सक्रिय

इस बीच, नीरव मोदी के देश के बाहर होने की सूचना के बाद इंटरपोल को भी अलर्ट कर दिया गया है। डिफ्यूजन नोटिस जारी कर इंटरपोल के जरिए नीरव मोदी और अन्य सहयोगियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। ईडी सूत्रों के मुताबिक कल खबर आई थी कि नीरव मोदी देश छोड़ चुका है और स्विट्जरलैंड में हो सकता है।

also read : योगी सरकार आज पेश करेगी दूसरा बजट

पीएनबी महाघोटाले में इंटरपोल की ओर से नीरव मोदी, अनी मोदी, मेहुल चौकसी और निशाल मोदी के खिलाफ डिफ्यूजन नोटिस जारी किया गया है। इससे पकड़ने और आरोपियों की लोकेशन डिटेक्ट करने की कार्रवाई तेज होगी।

कौन आरोपी भारत से कहां गया

सूत्रों के मुताबिक पीएनबी महाघोटाले में जांच की भनक लगते ही 1 जनवरी को ही नीरव मोदी ने देश छोड़ दिया था। नीरव मोदी 1 जनवरी को मुंबई से दुबई गया। निशाल मोदी ब्रिसेल्स. वहीं मेहुल चौकसी 4 जनवरी को दुबई के लिए निकला। नीरव मोदी की पत्नी अनी 6 जनवरी को ज्यूरिख निकल गई। इस सभी के बारे में सीबीआई ने इंटरपोल को अलर्ट किया है। दुनियाभर के पुलिस संगठन इंटरपोल के सदस्य हैं।

पासपोर्ट रद्द करने की सिफारिश

उधर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पंजाब नेशनल बैंक के 11 हजार 400 करोड़ घोटाले के आरोपी ज्वैलरी डिजायनर नीरव मोदी और उनके साझेदार मेहुल चौकसी के पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है। आरोप है कि अरबपति आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी व उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी 150 गारंटी पत्रों के जरिये 11,400 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी लेनदेन किए हैं।अधिकारियों ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ धोखाधड़ी को लेकर इस समय सुर्खियों में चल रहा नीरव मोदी बैंक की ओर से इस मामले में शिकायत मिलने से काफी दिन पहले गत एक जनवरी को ही देश से बाहर चला गया था। उन्होंने कहा कि नीरव का भाई निशाल बेल्जियम का नागरिक है।

वह भी एक जनवरी को भारत छोड़ गया। हालांकि वे दोनों साथ गए थे या अलग अलग इसकी जांच अभी की जानी है। नीरव की पत्नी के साथ अमेरिकी नागरिक एमी 6 जनवरी को यहां से निकलीं। उसके चाचा तथा गीतांजलि जूलरी के प्रवर्तक मेहुल चौकसी चार जनवरी को देश छोड़कर चले गए। बैंक को इस मामले में संदेह 16 जनवरी को हुआ जबकि आरोपी कंपनी डायमंड आर यूएस, सोलार एक्सपोटर्स और स्टेलर डायमंड्स (सभी सीबीआई की एफआईआर में आरोपी हैं) ने आयात दस्तावेजों के साथ उससे संपर्क किया और गारंटी पत्र (एलओयू) जारी करने का आग्रह किया ताकि विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान कर सकें। एफआईआर के अनुसार बैंक को पहले की कोई जानकारी अपनी प्रणाली में नहीं मिली।अधिकारियों के अनुसार पीएनबी ने 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बारे में 29 जनवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई को शिकायत की थी।

ऐसा माना जा रहा है कि नीरव मोदी स्विट्जरलैंड में हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दावोस (स्विट्जरलैंड) में नामी भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यपालकों (सीईओ) के समूह के साथ फोटो में दिख रहे हैं। बता दें कि वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के सम्मेलन की इस तस्वीर को 23 जनवरी प्रेस सूचना ब्यूरो ने जारी किया था। इसके छह दिन बाद ही पंजाब नेशनल बैंक ने उनके खिलाफ पहली शिकायत की।अधिकारियों के अनुसार एजेंसी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 31 जनवरी को एफआईआर दर्ज की। उसने मुंबई व सूरत में 20 स्थानों पर तलाशी ली।

चार फरवरी को नीरव मोदी तथा तीन आरोपियों के खिलाफ ‘लुक आउट नोटिस’ जारी किया गया।नीरव मोदी 2013 से ही धनी व चर्चित भारतीयों की सूची में लगातार आते रहे हैं। सीबीआई ने नीरव, उनकी पत्नी भाई व कारोबार भागीदारी चौकसी के खिलाफ 31 जनवरी को मामला दर्ज किया था। यह मामला पंजाब नेशनल बैंक से कथित रूप से 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का है। बैंक ने पहली शिकायत के पखवाड़े भर में ही सीबीआई से संपर्क कर कहा कि यह मामला 11,400 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का है।अधिकारियों के अनुसार इस सवाल की भी पड़ताल की जा रही है कि पीएनबी ने सीबीआई को शिकायत में सारी जानकारी न देकर, यह किस्तों में देने का फैसला क्यों किया।

aajtak

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More