राम मंदिर मुद्दा: लखनऊ में होगा संतों का जमावड़ा

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8 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय में राममंदिर पे सुनवाई हो, इससे पहले ही लखनऊ से मंदिर निर्माण के मुद्दे को हवा देना शुरू कर दिया गया है। अयोध्या में प्रभु श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण हेतु जन आंदोलन की तैयारी हो रही है। इसी के चलते लखनऊ में एक विशाल धर्म संसद बुलाने की तैयारी चल रही है। धर्म संसद में देश के सभी धर्माचार्यों, महामंडलेश्वरों, पीठाधीश्वरों, संत जनों, आदि जगद्गुरु शंकराचार्यो को आमंत्रित किया जाएगा।

उत्तर राज्य नवनिर्माण सेना का हिंदू स्वाभिमान सम्मेलन

बता दें कि धर्म संसद की तिथि तय करने के लिए सोमवार लखनऊ के गन्ना संस्थान में उत्तर राज्य नवनिर्माण सेना द्वारा हिंदू स्वाभिमान सम्मेलन बुलाया गया है। सम्मेलन में साध्वी ऋतंभरा जी, दीदी साध्वी प्रज्ञा जी, आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज, स्वामी धर्मेश्वर आनंद जी महाराज, जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद जी महाराज, स्वामी मनोज दास जी, स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती जी, आचार्य चंद्रांशु जी महाराज,  महंत राजू दास जी व देश के अन्य बड़े संतो को आमंत्रित किया गया है।

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होटल लेबुआ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उत्तर राज्य नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी ने बताया कि लखनऊ में होने वाले हिंदू स्वाभिमान सम्मेलन में सभी संतों द्वारा धर्म संसद का प्रस्ताव पारित कर उसकी तिथि का ऐलान किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर की सुनवाई

अमित जानी ने कहा कि 8 फरवरी से सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर की सुनवाई होने जा रही है। राम मंदिर पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय क्या फैसला दे, यह जानने के लिए वह उत्सुक नहीं हैं, क्योंकि राम मंदिर याचना का नहीं स्वाभिमान का विषय है, न अमित जानी याची है न ही याचिकाकर्ता हैं।

उन्होंने कहा कि मार्च में भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लेगी। ऐसे में राम जन्मभूमि के मुद्दे से जिन लोगों का राजनीति में प्रादुर्भाव हुआ है, उन लोगों की नैतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक जिम्मेदारी है कि वह संसद की दोनों सदनों में कानून पास करके प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण कराएं।

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माननीय सर्वोच्च न्यायालय में राम मंदिर की पैरवी कर रहे विद्वान अधिवक्ता गण और देश में राम मंदिर निर्माण के संकल्प पर सरकार चला रहे हिंदूवादी राम भक्तों से हमारी उम्मीद लगातार बनी हुई है कि वह प्रभु श्रीराम के मंदिर के निर्माण में महती भूमिका निभाएंगे। लेकिन अगर एक समय सीमा के तहत माननीय सर्वोच्च न्यायालय निर्णय नहीं देती है और केंद्र सरकार राम मंदिर के निर्माण को गैर जरूरी समझकर प्राथमिकता में शामिल नहीं करती है तो राम मंदिर का निर्माण कब हो?… यह धर्म संसद तय करेगी।

धर्म संसद में राम मंदिर के निर्माण की तय होगी तारीख

धर्म संसद में राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण की तारीख तय होगी और सोमवार को होने वाले हिन्दू स्वाभिमान सम्मेलन में धर्म संसद की तारीख तय होगी।

प्रेस वार्ता में विश्व सनातन संघ के राष्ट्रीय प्रचारक उपदेश राणा ने कहा कि राम राजनीति का विषय नहीं है राम कोई मुद्दा भी नहीं है।  राम इस देश के नहीं वरन पूरी दुनिया में रहने वाले हिंदुओं की आस्था का सवाल है। जब हम रामलला के दर्शन हेतु अयोध्या जाते हैं और देखते हैं कि प्रभु तंबू में बैठे हैं तो यह दृश्य देखकर आंख में आंसू आ जाते हैं। हिंदू जनमानस से सवाल करें कि मंदिर कब बनेगा?… तो हिंदू कहता है भाजपा बनाएगी। जबकि यह भाजपा का नहीं, अपितु पूरे देश के हिंदुओं का दायित्व है।

राम जन्मभूमि निर्माण के लिए होने वाले आंदोलन में हिंदुओं को सपा, बसपा, कांग्रेस, भाजपा से ऊपर उठकर, अब एक मंच पर आना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इतने बड़े हिंदू समाज के होते प्रभु श्रीराम को तंबू में रहना पड़ रहा है तो यह हमारे लिए शर्म का विषय है। प्रेस वार्ता में पवन शर्मा, सत्यजीत दहिया, रश्मि सिंह, भारत सिंह, राहुल मणि त्रिपाठी, शशिकांत शर्मा और राहुल उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

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