तेजस्वी : जातिवादी हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

0

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले की घटना में प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर से सामने आई है। आरोप लग रहे हैं कि इस मामले में पुलिस ने मर चुके एक व्यक्ति को भी नामजद अभियुक्त बनाया है। इसके बाद लालू यादव के बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को जातिवादी बताते हुए तीखा हमला बोला है।

also read : भईया ये है ‘तुमसे न हो पाएगा’ वाले कुशन, आपने खरीदा क्या

उन्होंने आश्चर्य जताया कि विजय राम नामक व्यक्ति का वर्ष 2015 में ही निधन हो चुका है, इसके बावजूद उन्हें नामजद अभियुक्त बना दिया गया। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस वोटर लिस्ट में जाति देख-देख कर निर्दोषों को जबरन नामजद अभियुक्त बना रही है। बता दें कि नीतीश कुमार बक्सर में समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने गए थे, जहां नंदगांव में उनके काफिले पर हमला कर दिया गया था। वह किसी तरह अपने काफिले के साथ निकलने में कामयाब रहे थे।

बड़े जातिवादी नेता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव हैं

गंभीर सुरक्षा चूक के इस मामले की जांच चल रही है। तेजस्वी यादव ने हमले की घटना के बाद पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम नीतीश के कहने पर ही अनुसूचित जाति के चार लोग वीरेंद्र पासवान, विनय राम, इंद्रजीत राम और लूटन राम का नाम एफआईआर में दर्ज किया गया है। राजद नेता ने दावा किया कि ये चारों विदेश में नौकरी करते हैं।नीतीश कुमार को जातिवादी कहने पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने तीखा पलटवार किया है। पार्टी ने कहा कि बिहार के सबसे बड़े जातिवादी नेता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव हैं।

also read : कासगंज में हालात हुए काबू, मृतक के परिजनों को 20 लाख मुआवजा

जातिवाद और लालू का चोली-दामन का रिश्ता रहा है। उनकी पूरी राजनीति ही जातिवाद पर आधारित रही है। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘लालू-राबड़ी के शासनकाल में किस तरह बेकसूरों को पुलिसिया जुल्म सहना पड़ता था ये सभी को याद है।’ उन्होंने कहा कि तेजस्वी को यह नहीं भूलना चाहिए कि लालू-राबड़ी के शासनकाल में ही बिहार में दर्जनों नरसंहार, हत्याएं और लूट की घटनाएं हुई थीं। जदयू प्रवक्ता ने लालू के शासनकाल में हुई हत्याओं को जाति आधारित करार दिया। संजय सिंह ने कहा, ‘अनर्गल आरोप लगाने से पहले उन्हें अपनी न्याय यात्रा पर ध्यान देना चाहिए जो वह 10 फरवरी से शुरू करने वाले हैं। तेजस्वी को इस यात्रा के दौरान बिहार की जनता को यह बताना चाहिए कि वह 28 साल की उम्र में 30 से अधिक संपत्ति के मालिक कैसे बन गए और उनके पिता लालू प्रसाद आखिर किस वजह से जेल की सजा काट रहे हैं?’

ग्रामीण स्तर के प्रतिनिधियों से नाराज बताए गए थे

बक्सर के नंदगांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके काफिले पर ग्रामीणों द्वारा पथरबाजी की घटना पर राजनीति भी तेज हो गई थी। गांव में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का पहुंचना शुरू हो गया था। ग्रामीण स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण स्तर के प्रतिनिधियों से नाराज बताए गए थे। इस नाराजगी को दूर करने में वे असफल रहे थे। मालूम हो कि गांव के जिस वार्ड में मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला हुआ था, उसमें बिजली, हर घर नल का पानी और नाली एवं गली का काम या तो पूरा हो चुका था या फिर संपन्न होने वाला था।

जनसत्ता

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More