मन की बात : दुनिया के मेहमानों ने भारत की महिला शक्ति का शौर्य देखा
पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश में महिलाओं के बढ़ते योगदान की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि हमने दो दिन पहले ही गणतंत्र दिवस मनाया और इस मौके पर दुनिया के मेहमानों ने भारत की महिला शक्ति का शौर्य देखा। मोदी ने देश में महिलाओं के सम्मान की संस्कृति को लेकर कहा, ‘सदियों पहले स्कन्ध पुराण में कहा गया है कि 10 बेटों के समान एक बेटी है।’
आकाशवाणी पर कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘ दो दिन पूर्व ही हमने गणतंत्र पर्व को पूरे उत्साह के साथ मनाया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि 10 देशों के मुखिया समारोह में उपस्थित रहे।’ नरेंद्र मोदी ऐप पर प्रकाश त्रिपाठी के सुझाव का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘1 फरवरी को कल्पना चावला की पुण्यतिथि है। वह भले ही चली गईं, लेकिन वह देश को गौरवान्वित कर के चली गईं। यह देखकर खुशी होती है कि भारत में हर क्षेत्र में महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। प्राचीन काल से भारत में महिलाओं का सम्मान और उनका योगदार लोगों को हैरत में डालता आया है। लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्री जैसे न जाने कितने ऐसे नाम हैं।’
मोदी ने कहा, ‘आज कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां हमारी नारी शक्ति कुछ करके दिखा रही हैं। पिछले दिनों राष्ट्रपति ने उन असाधारण महिलाओं के एक ग्रुप से मुलाकात की, जिन्होंने कुछ करके दिखाया। पैसेंजर ट्रेन की पहली महिला ड्राइवर, बस ड्राइवर, एवरेस्ट पर जाने वाली पहली महिला और ऐसी कई महिलाओं से मुलाकात कीं।’
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माटुंगा स्टेशन में महिलाएं संभाल रहीं सारा काम
पीएम मोदी ने मुंबई के माटुंगा स्टेशन का उदाहरण देते हुए कहा कि यह देश का ऐसा पहला स्टेशन है, जहां सभी कर्मचारी महिला हैं। उन्होंने कहा कि गणतंत्र परेड में बीएसएफ की महिला जांबाजों के प्रदर्शन को मेहमानों ने भी देखा। दंतेवाड़ा जैसे माओवाद प्रभावित इलाके आदिवासी महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन रही हैं। इसके अलावा उन्होंने पद्म पुरस्कार पाने वाले कई लोगों के जीवन का भी मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को बुलाकर हमें उनके अनुभवों को सुनना चाहिए।
लचीलापन ही भारत की ताकत
पीएम मोदी ने कहा कि हम अकसर कहते हैं कि क्या बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। उन्होंने कहा कि लचीलापन ही वह ताकत है, जिसके चलते हमारी यह स्थिति बनी हुई है। आत्मसुधार करने का निरंतर प्रयास भारत की संस्कृति है, यह एक जीवंत समाज की पहचान है। हम कालबाह्य चीजों को छोड़ देते हैं।
बिहार सरकार की जमकर तारीफ
नीतीश सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में बिहार में सामाजिक कुरीतियों से निपटने के लिए 13 किलोमीटर लंबी चेन बनाई गई। इसके जरिए दहेज और बाल विवाह जैसी बुराइयों से निपटने का संदेश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के अकोला में नागरिकों की ओर से मोरना नदी की सफाई के अभियान की भी सराहना की।
(साभार- नवभारत टाइम्स)