आजम खां की बढ़ी मुश्किलें, भर्ती घोटाले में होगी पूछताछ
उत्तर प्रदेश जल निगम में भर्ती में अनियमितता के साथ ही अन्य घोटाले के मामले में अब पूर्व मंत्री आजम खां से भी पूछताछ होगी। इस बड़े घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने आजम खां को नोटिस भेजा है। आजम खां से 22 जनवरी को पूछताछ की जाएगी। अखिलेश यादव सरकार में नगर विकास तथा जल संसाधन मंत्री रहे आजम खां की मुसीबत बढऩे वाली है। आजम खां पर बीते सरकार में हूई जल निगम में भर्तियों पर धांधली के आरोप है। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी 22 जनवरी को आजम खां से पूछताछ करेंगी।
भर्ती प्रकिया में धांधली के आरोप लगे है
उत्तर प्रदेश जल निगम में 1300 भर्तियों के मामले में यूपी पुलिस की एसआईटी ने पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह से कल घंटों तक पूछताछ की। इसके साथ ही तब ओएसडी रहे आफाक से गहन पूछताछ की गई।एसआईटी की दूसरी नोटिस के बाद कल एसआईटी मुख्यालय में पेश हुए एसपी सिंह जांच अधिकारियों के सवाल के जवाब देने मे हिचकिचाते रहे। उन्होंने पत्रावलियां देखने के बाद ही कोई पुख्ता जवाब देने की बात कही। इसी मामले में अब एसआईटी पूर्व नगर विकास मंत्री एवं जल निगम के तत्कालीन अध्यक्ष आजम खान से 22 जनवरी को पूछताछ करेंगी। वही आजम खां पर दो हजार से ज्यादा के भर्ती प्रकिया में धांधली के आरोप लगे है।
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भर्ती प्रकिया के दौरान आजम खां नगर विकास मंत्री थे।एसपी सिंह को आजम खां के खास अफसरों में शुमार किया जाता था। उनके सचिव बनने के बाद नगर विकास विभाग में चार साल तक किसी को प्रमुख सचिव नहीं बनाया गया। एसपी सिंह के 2014 में रिटायर होने के बाद भी उन्हें सेवा विस्तार देकर सचिव की कुर्सी पर काबिज रखा गया। जल निगम में भर्तियां भी उनके ही कार्यकाल में हुई थी। इस मामले में एसआईटी अब तक जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी समेत आठ अफसरों से पूछताछ कर बयान दर्ज कर चुकी है। इसके साथ ही 122 सहायक अभियंताओं को प्रदेश सरकार बर्खास्त कर चुकी है। उस समय 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 नैतिक लिपिक व 32 आशुलिपिक की भर्ती की गई थी।
सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खान पर टिकी हैं
जल निगम भर्ती घोटाले में नगर विकास सचिव रहे एसपी सिंह (अब सेवानिवृत्त) सहित नौ अधिकारियों के बयान दर्ज करने के बाद अब विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) की निगाहें सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खान पर टिकी हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के लखनऊ व रामपुर के पते पर नोटिस भेजकर 22 जनवरी को बुलाया गया है। एसआइटी ने 22 सितंबर, 2017 को जल निगम मुख्यालय में पहुंचकर छानबीन करने के साथ ही भर्ती से संबंधित मूल पत्रावलियां अपने कब्जे में ली थीं। एसआइटी जांच में तेजी से कदम आगे बढ़ा रही है।
नियमों को दरकिनार कर भर्तियां की गई थीं
कल एसपी सिंह से एसपी एसआइटी नागेश्वर सिंह के निर्देशन में पूछताछ की गई। पूर्व नगर विकास सचिव से भर्ती प्रक्रिया से लेकर उनकी भूमिका से जुड़े 12 सवाल किए गए।एसपी सिंह के नगर विकास विभाग के सचिव पद पर तैनात रहने के दौरान ही जल निगम में नियमों को दरकिनार कर भर्तियां की गई थीं। एसपी सिंह को आजम का करीबी माना जाता है। सोमवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री के तत्कालीन ओएसडी सैय्यद अफाक अहमद के भी बयान दर्ज किए गए। इससे पूर्व एसआइटी जलनिगम के तत्कालीन एमडी पीके आसूदानी सहित आठ अधिकारियों के बयान दर्ज कर चुकी है।
प्रचलित परंपरा पर हुई थी भर्ती
जल निगम में 1300 पदों पर हुई भर्ती के मामले में नियमों को दरकिनार कर प्रकिया को पूरा किए जाने का आरोप है। अभ्यर्थियों ने पत्रावलियों के गलत मूल्यांकन सहित अनियमितता के कई आरोप लगाए थे। सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन एमडी ने अपने बयानों में प्रचलित परंपरा के अनुरूप भर्ती कराए जाने की बात कही थी।
दैनिक जागरण
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