जानिए, क्यों है चारो तरफ इन महिला अफसरों के चर्चे

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सागर परिक्रमा पर निकलीं 6 महिला अफसरों का तूफान से सामना, नेवी बोली- गजब बहादुरी दिखाई
दुनिया की परिक्रमा पर निकलीं 6 महिला नेवी अफसरों का प्रशांत महासागर में समुद्री तूफान से सामना हुआ। उस वक्त अफसर फॉकलैंड आइलैंड्स पहुंचने वाली थीं। हालांकि अफसरों ने तूफान का बहादुरी से सामना किया और अपनी नौका (INSV तारिणी) अच्छी तरह निकाल लिया। महिला अफसरों के तूफान से सामना करने का नेवी ने वीडियो जारी किया है।

नेवी ने कहा- महिला अफसरों ने जबर्दस्त बहादुरी दिखाई

नेवी ने कहा कि महिला अफसरों ने जबर्दस्त बहादुरी दिखाई और अपनी नौका को तूफान से निकालकर ले गईं। ये महिला अफसर 55 फीट की नौका में सवार हैं। ये सभी अफसर 6 महीने की समुद्री परिक्रमा पर निकली हैं। महिला अफसरों के समुद्र में शिप चलाने की बाकायदा ट्रेनिंग ली है। सितंबर में रवाना हुई थी टीम 10 सितंबर को महिला अफसरों की टीम सागर परिक्रमा पर रवाना हुई थी। डिफेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने पणजी में टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

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ये दुनिया का पहला शिप है, जिसकी सभी क्रू मेंबर महिलाएं हैं। पीएम ने लिखा था- ”ये दिन बेहद खास है। नेवी की 6 महिला अफसर आईएनएसवी तारिणी से दुनिया की परिक्रमा के लिए निकली हैं। देशवासी नरेंद्र मोदी ऐप के जरिए नाविका सागर परिक्रमा की टीम को शुभकामनाएं देकर उनका मनोबल बढ़ा सकते हैं। इस यादगार सफर के लिए पूरा देश इन महिलाओं के साथ है।” परिक्रमा 5 फेज में पूरी होगी। इस दौरान टीम राशन और शिप की मरम्मत के लिए चार बंदरगाहों फ्रेमन्‍टल (ऑस्‍ट्रेलिया), लिटलेटन (न्‍यूजीलैंड), पोर्ट स्‍टेनले (फॉकलैंड्स) और केपटाउन (दक्षिण अफ्रीका) पर रुकेगी। दुनिया का चक्कर लगाते हुए मार्च, 2018 में भारत लौटेगी।

मिसाल कायम करेगी ये टीम: नेवी

इस सागर परिक्रमा की तैयारियों के दौरान वाइस एडमिरल एके चावला (नेवल चीफ ऑफ पर्सनल) ने कहा था, “समुद्री यात्राओं के लिए ये सभी महिला ऑफिसर्स अच्छी तरह ट्रेंड हैं और वे केवल सागर परिक्रमा ही नहीं करेंगी, बल्कि अपना नाम रिकॉर्ड बुक में भी दर्ज कराएंगी। ये एक मिसाल कायम करने जा रही हैं। ये मिसाल केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए होगी।”

सफर चुनौतीभरा लेकिन हम तैयार हैं- क्रू मेंबर्स

16 अगस्त को नरेंद्र मोदी ने सागर परिक्रमा टीम से मुलाकात की थी। इस दौरान मोदी ने टीम से कहा कि वे भारत की क्षमताओं और ताकत पूरी दुनिया को बताएं। साथ ही परिक्रमा पूरी होने पर टीम मेंबर अपने-अपने अनुभव शेयर कर दूसरों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। इसके बाद क्रू में शामिल प्रतिभा जामवाल ने कहा था, “सफर काफी चुनौतियों से भरा है, लेकिन हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’ प्रतिभा ने 2011 में नेवी अकादमी ज्वाइन की थी।

पहला शिप, जिसकी सभी क्रू महिलाएं

बता दें कि, आईएनएसवी तारिणी दुनिया का पहला इंटरनेशनल शिप है, जिसकी सभी क्रू-मेंबर महिलाएं हैं। भारत में बने इस शिप की लंबाई 55 फीट है। इसे पिछले साल ही नेवी में शामिल किया गया। शिप की कमान लेफ्टिनेट कमांडर वर्तिका जोशी के हाथों में होगी। टीम में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी. स्‍वाति और लेफ्टिनेंट एस. विजया देवी, बी. एेश्‍वर्या और पायल गुप्‍ता शामिल हैं।

दैनिक भास्कर

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