शिव ‘राज’ में 28 दिनों में हो गईं 58 गायों की मौत

0

मध्य प्रदेश के आगर-मालवा जिले के सुसनेर में स्थित सालरिया गौ-अभ्यारण्य में बीते 28 दिनों में 58 गायों की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है, साथ ही भूसे को जांच के लिए भोपाल की प्रयोगशाला भेजा गया है। आगर-मालवा के जिलाधिकारी अजय गुप्ता ने मीडिया को बताया कि एक से 28 दिसंबर के मध्य 58 गायों की मौत हुई है। इनमें कई गाय बीमार थीं, मगर कुछ लोगों द्वारा भूसे के दूषित होने की आशंका के मद्देनजर आपूर्तिकर्ता की निविदा को निरस्त कर दिया गया।

भूसे को जांच के लिए भेजा गया लैब

भूसे को जांच के लिए भोपाल की प्रयोगशाला भेज दिया गया है। इसके साथ ही जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया गया है।गुप्ता के मुताबिक, जितनी गायों की मौत हुई है, सभी के पोस्टमार्टम कराए गए हैं। 58 से ज्यादा गायों की मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर कोई इसके प्रमाण देता है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

गौ-अभ्यारण्य में 6000 गायों को रखने की व्यवस्था

आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, गौ-अभ्यारण्य में 6000 गायों को रखने की व्यवस्था है लेकिन वर्तमान में गौ-अभ्यारण्य में सिर्फ 4309 गाय हैं। अभ्यारण में कुल 24 शेड बनाए गए हैं, प्रत्येक शेड की क्षमता 250 पशुओं की है। इनमें समुचित रोशनी, पेयजल, चारा-खली, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था है।

Also Read : नये साल का जश्न मनाने के लिए मां के पास गोवा पहुंचे राहुल गांधी

रोशनी में व्यवधान न हो इसके लिए गौ-अभ्यारण्य में स्थान-स्थान पर सोलर लाईटें लगाई गई हैं। इसी के साथ वहां पानी की नियमित आपूर्ति के लिए चार सोलर पंप लगाए गए हैं, जो कि बोरिंग से पानी खींच कर शेड तक पहुंचाते हैं। निकलने वाले गोबर से वहां एक 10 किलोवॉट क्षमता का गोबर गैस प्लांट भी लगाया गया है।

बता दें कि इससे पहले अगस्त महीने में भाजपा शासित छत्तीसगढ़ की गौशालाओं में 350 से ज्यादा गायों की मौत हुई थी। तब इस घटना पर जमकर हंगामा हुआ था। छत्तीसगढ़ के दुर्ग और बेमेतरा जिले के राजपुर गोदमर्रा गांव में भाजपा नेता की गौशाला में सैकड़ों गायों की मौत रख-रखाव के अभाव में हुई थी। उस दौरान जांच में पता चला था कि गौशाला चलाने के राज्य सरकार से मिले फंड में गबन किया गया था।

(साभार-जनसत्ता)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More