भीख मांग रहा बुजुर्ग निकला करोड़पति, आधार कार्ड से खुला राज़

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आधार कार्ड को बैंक और मोबाइल से लिंक करवाने को लेकर छिड़ी बहस के बीच उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे इसकी अहमियत समझ आती है। मामला रायबरेली सरेनी थाना क्षेत्र के रालपुर स्थित स्वामी सूर्य प्रबोध परमहंस इंटर कॉलेज अनगपुरम का है, जहां बीती 13 दिसंबर को भिखारी के भेष में एक बुजुर्ग पंहुचा जो कई दिनों से भूखा लग रहा था। स्कूल के संस्थापक स्वामी भास्कर स्वरुप जी महराज ने बुजुर्ग को अपने पास बुलाया।

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एफडी की कीमत देख कर सबके उड़े होश

बुजुर्ग ने इशारो में भूखे होने की बात बताई। जिसके बाद स्वामीजी ने उसे भोजन करवाया। इसके बाद स्वामीजी ने बुजुर्ग के बाल कटवाए और दाढ़ी बनवाई। जब उसके गंदे कपड़े धुलने को देने के लिए निकलवाए गए तो उसमें से आधार कार्ड, एक एफडी और तिजोरी की चाभी भी मिली। उस एफडी की कीमत देख कर सबके होश उड़ गए। एफडी की कीमत एक करोड़ छह लाख 92 हजार था। जिसके बाद आधार कार्ड के आधार पर उसका पता लगवाया गया तो उसकी पहचान मुथैया नादर, निवासी 240 बी नार्थ नेरू तिधीयूर पूकुली थिरुवनावली तमिलनाडु 627152 के रूप में हुई।

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आधार में दर्ज फोन नंबर से उसके परिजनों से संपर्क किया गया और उन्हें मुथैया के यहां होने की जानकारी दी गई। इसकी जानकरी मिलते ही परिजन रायबरेली पहुंचे और उसे प्लेन से वापस ले गए। परिजनों ने बताया कि वे लोग जुलाई में ट्रेन से तीर्थ यात्रा के लिए निकले थे और मुथैया रास्ते में भटक गए थे। उन्हें आशंका थी कि वे कहीं जहरखुरानी के शिकार हो गए हैं। तब से परिवार वाले उनकी खोज कर रहे थे। परिजनों ने बुजुर्ग को परिवार से मिलवाने पर स्वामी जी का बहुत बहुत धन्यवाद दिया।

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