जाधव की मां-पत्नी को मिला वीजा, 25 दिसम्बर को मिलेगी इस्लामाबाद में
बुधवार को पाकिस्तान जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी को वीजा जारी कर दिया। इसकी जानकारी पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री ने दी। मुलाकात के दौरान इंडियन हाई कमीशन का एक अफसर भी मौजूद रहेगा। यह मुलाकात इस्लामाबाद की किसी लोकेशन पर होगी। जानकारी के मुताबिक जाधव इंडियन नेवी के एक रिटायर्ड अफसर हैं। पाक का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान से अरेस्ट किया गया था। पाक मिलिट्री कोर्ट ने उन्हें अशांति फैलाने और जासूसी करने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। हालांकि, आईसीजे ने फांसी पर रोक लगा रखी है।
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जानिए पाकिस्तान ने क्या कहा?
पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन मोहम्मद फैजल ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा- नई दिल्ली में पाकिस्तान के हाई कमीशन ने कमांडर जाधव की पत्नी और मां को वीजा जारी कर दिया है। अब ये दोनों जाधव से मिल सकेंगी। पाकिस्तान 47 साल के कुलभूषण जाधव का नाम हुसैन मुबारक पटेल बताता है। फैजल ने कुछ दिनों पहले कहा था कि पाकिस्तान विजिट के दौरान जाधव की फैमिली को पूरी सिक्युरिटी मुहैया कराई जाएगी। 10 नवंबर को पाकिस्तान ने सिर्फ जाधव की पत्नी को उनसे मुलाकात की इजाजत दी थी। भारत ने इसके बाद कहा था कि जाधव की मां अवंतिका को भी वीजा दिया जाना चाहिए। कुछ दिनों पहले सुषमा स्वराज ने जाधव के मामले पर पाकिस्तान के हाई कमिश्नर से चर्चा की थी।
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सुषमा स्वराज का बयान
पाकिस्तान के बाद सुषमा स्वराज का बयान भी आया। उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान सरकार ने कुलभूषण की मां और पत्नी को वीजा दिए जाने की जानकारी दी है। मैंने जाधव की मां अवंतिका से बातचीत की है। पाक पहले सिर्फ जाधव की पत्नी को वीजा दे रहा था। हमने दोनों की सेफ्टी का मुद्दा भी उठाया था। भारत ने ये भी साफ कर दिया था कि जाधव की पत्नी और मां के पाकिस्तान में रहने के दौरान इंडियन हाई कमीशन का एक अफसर पूरे टाइम उनके साथ रहेगा। पाकिस्तान ने इन सभी बातों पर भरोसा दिलाया है।”पाकिस्तान आर्मी का दावा है कि जाधव इंडियन एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के लिए जासूसी कर रहे थे। उन्हें बलूचिस्तान प्रांत से पकड़ा गया। इसके बाद पाक आर्मी के फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (FGCM) ने अप्रैल में फांसी की सजा सुनाई थी।
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ICJ ने जाधव की फांसी पर रोक लगाई
भारत सरकार ने दावा किया है कि पाक आर्मी ने भारतीय नेवी के पूर्व कमांडर कुलभूषण जाधव को ईरान के किडनैप किया था। उन पर जासूसी के झूठे आरोप लगाए और सजा सुनाई। नेवी से रिटायरमेंट के बाद जाधव ईरान में बिजनेस कर रहे थे। भारत ने वियना कन्वेंशन के वॉयलेशन का हवाला देकर जाधव की सजा को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में चुनौती दी। इसे ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन करार दिया। इसके बाद कोर्ट ने 18 मई, 2017 को फांसी की सजा पर रोक लगाई।
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कुलभूषण जाधव का मामला?
पाक की मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को जासूसी और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था। इंडियन नेवी से रिटायरमेंट के बाद वे ईरान में बिजनेस कर रहे थे। हालांकि, पाक का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान से 3 मार्च 2016 को अरेस्ट किया गया था। पाकिस्तान ने जाधव पर बलूचिस्तान में अशांति फैलाने और जासूसी का आरोप लगाया है।